साल था 2013, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को पांच साल की सजा सुनाई गई। ये सजा रांची के केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत द्वारा चारा घोटाला मामले में सुनाई गई थी। जिसके बाद लालू यादव को जेल हुई। लालू के जेल जाने के बाद पार्टी की बागडोर संभालने के लिए उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव दिल्ली से पटना पहुंचे। उस समय ये घटना बहुत सामान्य सी लगी, लेकिन तेजस्वी के साथ उनके एक दोस्त भी पटना आए थे। जो आगे चलकर तेजस्वी के आंख-नाक और कान बन गए। ये बात संजय यादव की है जो वर्तमान में राजद के राज्यसभा के सांसद हैं, जिनके खिलाफ लिखे गए एक पोस्ट को लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने शेयर किया है। वहीं तेज प्रताप संजय के खिलाफ काफी पहले ही मोर्चा खोल चुके हैं।
दरअसल इस समय बिहार में तेजस्वी यादव चुनाव से पहले ‘बिहार अधिकार यात्रा’ कर रहे हैं। इस यात्रा के दौरान वो कभी घोड़े पर तो कभी बस में नजर आ रहे हैं। तेजस्वी को ध्यान में रखते हुए उनके लिए एक बस तैयार की गई है। जिसमें वो घूम-घूमकर जनता से मिल रहे हैं। इसी बीच बीते बुधवार को संजय यादव बस के आगे उस जगह पर बैठे दिख गए, जहां पर सामान्य तौर पर तेजस्वी यादव बैठते हैं। इसी घटना ने पूरे विवाद को जन्म दे दिया।
लालू और तेजस्वी की सीट पर संजय यादव के बैठने पर विवाद
बीते लोकसभा चुनाव में सारण लोकसभा से राजद की उम्मीदवार रहीं रोहिणी आचार्य ने बस में संजय यादव के आगे बैठने को लेकर सवाल खड़े किए गए पोस्ट को शेयर किया हैं। पटना के रहने वाले आलोक कुमार नाम के एक यूजर ने इसी घटना को लेकर फेसबुक पर पोस्ट लिखा, जिसको रोहिणी ने अपने फेसबुक अकाउंट से शेयर किया।
पोस्ट में लिखा था, “फ्रंट सीट सदैव शीर्ष के नेता – नेतृत्वकर्त्ता के लिए चिन्हित होती है और उनकी अनुपस्थिति में भी किसी को उस सीट पर नहीं बैठना चाहिए। वैसे अगर कोई अपने आप को शीर्ष नेतृत्व से भी ऊपर समझ रहा है, तो अलग बात है !!
वैसे पूरे बिहार के साथ-साथ हम तमाम लोग इस सीट (फ्रंट सीट) पर लालू जी और तेजस्वी यादव को बैठे / बैठते देखने के अभ्यस्त हैं, उनकी जगह पर कोई और बैठे ये हमें तो कतई मंजूर नहीं है, ठकुरसुहाती करने वालों, जिन्हें एक दोयम दर्जे के व्यक्ति में एक विलक्षण रणनीतिकार-सलाहकार-तारणहार नजर आता है, की बात अलग है।”
मीसा भारती भी व्यक्त कर चुकी हैं नाराजगी
दरअसल रोहिणी द्वारा इस पोस्ट को शेयर करने को लेकर सोशल मीडिया पर यह चर्चा शुरू हो गई है कि वो संजय यादव के रवैये से नाराज हैं। ऐसा नहीं है कि संजय के खिलाफ कुछ लिखने या नाराजगी व्यक्त करने वाली रोहिणी, लालू परिवार की पहली सदस्य हैं। लालू परिवार से बेदखह हो चुके उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने तो संजय यादव को जयचंद तक करार दिया। उन्होंने कई बार कहा कि तेजस्वी यादव को जयचंद से सचेत रहने की जरूरत है।
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वहीं कई मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया गया है कि पाटलिपुत्र से लोकसभा सांसद और लालू की बड़ी बेटी मीसा भारती भी संजय यादव को लेकर नाराजगी व्यक्त कर चुकी हैं। ऐसी स्थिति में ये माना जा सकता है कि चुनाव से पहले ये लालू परिवार और राजद के लिए सही संकेत नहीं हैं।
वैसे तो लालू का पूरा परिवार ही राजनीति में सक्रिय है लेकिन लालू और राबड़ी के अलावा तेजस्वी, तेज प्रताप, मीसा और रोहिणी ही जनता के बीच चुनावी मैदान में नजर आए हैं। ऐसे में जब तेजस्वी के अलावा लालू परिवार का हर कोई संजय यादव के रवैये से खुश नहीं है फिर कैसे वो अपनी कुर्सी पर बने हुए हैं? ऐसे में क्या ये माना जा सकता है कि पार्टी में लालू यादव की अब चलनी बंद हो गई है?