सप्ताह की शुरुआत एक नए ‘राग’ से हुई। विपक्ष के बड़े दल की एक राज्य इकाई ने एक दिन एक ऐसा ‘एआइ निर्मित’ वीडियो जारी किया, जिसमें प्रधानमंत्री की दिवंगत मां उन्हें नसीहत देती दिखाई देती थीं। एक सत्ता प्रवक्ता ने कहा कि यह एक दिवंगत मां का अपमान है, उनको राजनीति में घसीटा जा रहा है और यह घोर निंदनीय है। बहसों में कई विपक्षी प्रवक्ता पहले इसे ‘निंदनीय’ कहते, फिर तुरंत कहने लगते कि प्रधानमंत्री ने भी अतीत में विपक्ष के नेताओं का अपमान किया है।
फिर एक दिन पाकिस्तान के एक मंत्री ने ‘भारत-पाक युद्ध’ के संदर्भ में भारत के रुख को यह कह कर पुष्ट किया कि भारत ने शुरू में ही ‘किसी तीसरे के हस्तक्षेप’ के लिए इनकार कर दिया था। इसके बाद कई चर्चक भारत सरकार की विदेशी नीति की तारीफ करने लगे। इसी बीच वक्फ कानून पर सर्वोच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश ने ‘पक्ष’ और ‘विपक्ष’ दोनों को ही ‘कुछ खुश, कुछ नाखुश’ कर इस ‘गरम मौसम’ को कुछ ठंडा किया। सत्तापक्ष ने कहा कि हम जीते, विपक्ष ने कहा कि हम जीते। यानी सब जीते, कानून जीता, जनतंत्र जीता!
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दुबई में खेलती भारतीय क्रिकेट टीम द्वारा पाकिस्तान को हराने के बाद भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव का पाक कप्तान से हाथ न मिलाना बड़ी खबर बनी। पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी शाहिद आफरीदी ने नाराजगी जताई और भारत के विपक्षी नेता की राजनीति को ‘समावेशी’ बताकर कटाक्ष किया। भाजपा ने प्रधानमंत्री का 75वां जन्मदिन मनाया और कई चैनलों ने उनके जीवन पर वृत्त चित्र दिखाए। विपक्ष और सत्तापक्ष के नेता भी बधाई देने पहुंचे। कुछ कलाकारों ने उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना की, जबकि कुछ ने उन्हें ‘आत्मप्रचारवादी’ कहा।
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फिर ‘वोट चोरी’ की कक्षा में देर तक बताया गया कि इस विधानसभा क्षेत्र में कितने वोट हटाए और कितने जोड़े गए। चुनाव आयोग ने बताया कि जिन वोटों को हटाने के आरोप लगाए जा रहे थे, उन पर मुकदमा कर दिया गया है। इसके बाद ‘जेन-जी पीढ़ी’ का आह्वान हुआ कि जैसा आंदोलन नेपाल में हुआ, वैसा यहां भी हो, जल्दी हो, जनतंत्र बचाएं, संविधान बचाएं। विपक्षी नेता जब भी आते हैं, कुछ न कुछ चौंकाने वाला एलान करते हैं, जैसे ‘हाइड्रोजन बम’ फोड़ने की बात।
हर दिन राजनीतिक बयानवीरों की कड़वाहट बढ़ती जाती है। एक तरफ से ‘गोली’ चलती है तो दूसरी तरफ ‘गोला’। सभी बयान शाम की टीवी बहसों में जान डालते हैं और हर वाक्युद्ध अगले वाक्युद्ध के बीज बोकर विदा होता है। इस गाने जैसा माहौल सामने वाले पर तीखा हमला करने का बनाता है।