एक नाराज, दूजा नाराज, तीजा नाराज..! फिर भी प्रवक्ताओं की यही एक लाइन कि अपने गठबंधन में सब ठीक-ठाक है! कुछ एंकर और संवाददाता निराश कि हाय इतनी जल्दी सब ठीक कैसे हो गया! यह अपनी खबर बनाने की कला है जो इसी तरह के दो मिनट के ‘रूठ मटक्के’ से बनाई जाती है। ऐसे ही एक और ‘नाराज’ कहिन कि वह सीट हमारी… उसी से हम लड़ेंगे और नामित कर दिए दूसरे के कोटे की सीट पर अपने उम्मीदवार का नाम। जवाब में दूजे ने भी तय कर दिए ऐसी हर सीट पर अपने उम्मीदवार..। एंकर कहिन कि अब क्या होगी ‘दोस्ताना लड़ाई’! तब तो जीत लिया राजग..!

फिर खबर आई कि गठबंधन में भी सब कुछ ठीक नहीं। एक साठ के आसपास सीट मांग रहा है… तो दूसरा मांग रहा है चालीस के साथ उपमुख्यमंत्री! तीसरा कह रहा है कि न ये, न वो… अकेला मैं..। असली ‘किंगमेकर’ मैं..। कई चर्चक भी उनकी ‘एकला चलो रे’ की मुद्रा पर मुग्ध। कई सर्वे भी मुग्ध। एक ने तो कह दिया कि एक बरस में ‘तेरह फीसद वोट’ ले सकने वाला बनने की कोशिश कोई मामूली बात नहीं।

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एक कहिन ‘सत्तारोधी लहर’ है और वह गुल खिलाएगी। दूजा कहिन कि ये दौर अलग है। ‘सुशासन बाबू’ ने इतना विकास किया है कि विकास भी दंग है..। राजनीति में यों तो ‘कुनबावाद’ है, ‘जातिवाद’ है। मगर तत्त्वत: यहां न कोई ‘तेरा’ है, न ‘मेरा’। भतीजा कहता है कि चचा बीमार और बेकार हैं। उनके बस का कुछ नहीं, तो प्रवक्ता दहाड़ते हैं कि अपनी फिक्र करो ‘विकास बाबू’ फिर आ रहे हैं। यों सबको जाति ‘मिटानी’ है, लेकिन इसके लिए पहले जाति ‘भुनानी’ है।

इस तरह बिहार में विचारों की कमी नहीं है। यहां जाति विचार है, धर्म विचार है, ‘मुफ्त की सौगात’ एक विचार है और महिलाओं को सीधे दस हजार है। इस तरह ‘वोट विचार’ है… ‘जनतंत्र’ विचार है। मगर बिहार के चुनाव का असली आनंद तो ‘तेज’ बरक्स ‘तेज’ के बीच नजर आता है।
एक ‘शांति वार्ता’ सीधे प्रसारित हुई। अमेरिका के आदेश पर इजराइल और हमास ने हथियार डाले और एक दूसरे के बहुत से बंधक वापस किए। इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अपना ‘शो’ दिखाया..।

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उन्होंने मंच से ही पुकारा- वे कहां हैं और संकोच में पीछे खड़े वे बच्चे की तरह आगे आए… ट्रंप कहिन कि वह बोलें जो कुछ पहले बोले हैं… तो वे सीधे उनकी ‘तारीफ’ में शुरू हो गए कि ‘खुदी को कर बुलंद इतना..!’ फिर वे इस शेर का अंग्रेजी में तर्जुमा करते हुए शुरू हो गए। मंच के एकदम पीछे इटली की प्रधानमंत्री अपनी हंसी किसी तरह रोकती हुई दिखीं।

शीर्ष नेताओं के बीच ऐसा ‘वैश्विक प्रहसन’ न कभी देखा, न सुना। पाकिस्तान के चैनल पर एक पाकिस्तानी नागरिक बोला, ये बंदा बूट पालिश अच्छी करता है। इतना ही नहीं ट्रंप ने अपने मंच संचालन के नए तेवर दिखाते हुए सीधे इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी की सुंदरता की तारीफ तक कर दी कि वे कितनी सुंदर महिला हैं। शुष्क कूटनीति के बीच भी ट्रंप ने अपना ‘सौंदर्यबोध’ नहीं खोया! इसीलिए मैं उनको दुनिया का सबसे बड़ा ‘कलाकार’ मानता हूं। वे युद्ध और शांति के बीच भी अपना ‘हास्यबोध’ बनाए रखते हैं। शायद इसी झोंक में कह दिया कि उनकी बात हुई है।

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अब भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। जवाब में एक बार फिर विदेश मंत्री को कहना पड़ा कि दिल्ली अपनी नीति स्वयं तय करती है..। एक विपक्षी ने कहा कि लगता है, वे अंकल की नौकरी करते हैं, तो दूसरा बोला कि भारत की कोई विदेश नीति नहीं है। अंकल पीटते हैं, तो चीन की ओर भागते हैं। चीन पीटता है, तो रूस की ओर जाते हैं। चर्चा के दौरान एक विशेषज्ञ ने कहा कि अंकल जानबूझ कर अपनी ‘कल्पना’ से अक्सर नई-नई बातें गढ़ते हैं। इस बीच हरियाणा के एक बड़े पुलिस अधिकारी की खुदकुशी की खबर तो बड़ी खबर बनी ही।

इसके साथ ही राजनीति भी मैदान में आ गई और फिर पुलिस अफसर की खुदकुशी पर भी राजनीति होने लगी। चैनल पर चर्चा में सभी इस बात पर सहमत दिखे कि कोई उच्चस्तरीय निष्पक्ष व्यक्ति ही सच को सामने ला सकता है..। एक चैनल पर एक बहस ‘बेजान अर्थव्यवस्था’ पर चल रही थी कि एक विशेषज्ञ, एक विपक्षी प्रवक्ता का जवाब दे रहे कि थे कि किस तरह से भारत की अर्थव्यवस्था जिंदा है, बल्कि तेज गति से आगे बढ़ रही है, जिसका प्रमाण स्वयं विश्व की बड़ी कंपनियों का नया आकलन देता है।

तभी एक विपक्षी टोकने लगे, तो उन्होंने कहा कि क्या अब विपक्ष में यह हाल है कि बिना सोचे बोल पड़ते हैं! फिर एक चैनल ने यह बता कर सबको चौंकाया कि पिछले नौ महीनों में अयोध्या के ‘श्रीराम मंदिर’ के दर्शन करने वाले दर्शनाथियों की संख्या बाईस करोड़ रही। यह एक नया कीर्तिमान है।