राजस्थान में कांग्रेस की नई सरकार ने नए रूप में शपथ ले ली है। रविवार को राज्यपाल कलराज मिश्रा ने नए मंत्रियों को शपथ दिलाई। इनमें 11 कैबिनेट व 4 राज्यमंत्री बनाए गए हैं। कैबिनेट मंत्रियों के रूप में शपथ लेने वाले विधायकों में ममता भूपेश के साथ शकुंतला रावत भी शामिल हैं। उनके अलावा विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, भजन लाल जाटव, हेमाराम चौधरी, महेंद्रजीत सिंह मालविया, रामलाल जाट, टीकाराम जूली, गोविंद राम मेघवाल और महेश जोशी को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई। ध्यान रहे कि शनिवार शाम को गहलोत के सारे मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था। जिन विधायकों को राज्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई उनमें बृजेंद्र सिंह ओला, मुरारी लाल मीणा, राजेंद्र गुड्डा और ज़ाहिदा खान शामिल हैं।
शपथ ग्रहण के दौरान पायलट खेमे के साथ सीएम गहलोत की तनातनी दिखाई दी। गहलोत ने शुरू में ही उन निर्दलीय विधायकों का आभार जताया जिन्होंने पायलट के विद्रोह के समय उनका साथ दिया था। सीएम ने कहा कि वो उन निर्दलीय विधाय़कों के हमेशा आभारी रहेंगे। आलाकमान में गहलोत ने प्रियंका गांधी को सबसे ज्यादा तरजीह दी। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल का गठन कैसे हुआ ये बात प्रियंका, सोनिया व राहुल ही बेहतर जानते हैं। हालांकि इस सारे घटनाक्रम में एक बड़ा सवाल उभरकर आया कि सचिन पायलट का क्या होगा। पायलट खुद को मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे थे। हालांकि, डेढ़ साल से मंत्रिमंडल का विस्तार लंबित था। पायलट के दबाव में ही फिर से कैबिनेट का गठन किया गया है।
कैबिनेट विस्तार में प्रियंका के यूपी वाले दांव की छाया दिखी। ममता भूपेश के साथ शकुंतला रावत को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। इनके अलावा ज़ाहिदा खान को राज्यमंत्री बनाया गया है। इससे पहले गहलोत सरकार में केवल एक महिला विधायक को जगह मिल सकी थी। ध्यान रहे कि शपथग्रहण से एक दिन पहले ही गोविंद सिंह डोटेसरा, हरीश चौधरी व रघु शर्मा ने त्यागपत्र दे दिया था, जो संगठन का काम देख रहे हैं। उसके बाद से ही विस्तार के कयासों को बल मिला था।
ममता भूपेश, भजनलाल जाटव व टीकाराम जूली को राज्यमंत्री से पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है। इस सूची में हेमाराम चौधरी, मुरारीलाल मीणा व बृजेंद्र ओला सहित पांच विधायकों को पायलट खेमे का माना जाता है। पिछले साल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावती रुख अपनाए जाने के समय पायलट के साथ साथ पद से हटाए गए विश्वेंद्र सिंह व रमेश मीणा को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से कांग्रेस में आए छह विधायकों में से राजेंद्र गुढ़ा को भी मंत्री बनाया गया है।
जिन तीन मंत्रियों को राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री बनाया गया है वे अनुसूचित जाति से हैं। गहलोत मंत्रिमंडल में इन नए मंत्रियों के आने से अधिकतम 30 मंत्रियों का कोटा पूरा हो गया। सूत्रों ने कहा कि मंत्रिमंडल फेरबदल की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 15 विधायकों को संसदीय सचिव व सात को मुख्यमंत्री का सलाहकार नियुक्त किया जाएगा।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार ने राज्य को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया है। 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक बार फिर सरकार बनाएगी। राज्य मंत्रिपरिषद में 15 नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण से पहले गहलोत ने ट्वीट किया, आज राजस्थान सरकार के मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले सभी विधायकों को शुभकामनाएं।
राजस्थान में गहलोत मंत्रिमंडल का विस्तार, ज्यादा जानकारी दे रहे हैं @sharatjpr। #RajasthanCongress #Congress
(Sayeed Ansari) pic.twitter.com/tv6XfRctqn— AajTak (@aajtak) November 21, 2021
उन्होंने लिखा- पिछले 35 महीने में हमारी सरकार ने प्रदेश को संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह सुशासन देने का कार्य किया है। तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद हमारी सरकार ने प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया है। उनके कार्यकाल में हुए विधानसभा उपचुनावों एवं स्थानीय निकायों के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाकर जनता ने हमारी सरकार के सुशासन पर मुहर लगाई है। हम सभी को आने वाले समय में भी जनता के इस विश्वास को बनाए रखना है। इसके लिए पूरी मेहनत एवं समर्पण के साथ कार्य जारी रखना है।
बकौल मुख्यमंत्री- हम सब एकजुटता के साथ कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी जी नेतृत्व में कांग्रेस की नीति, विचारधारा एवं कार्यक्रम को आम जनता तक लेकर जाएंगे। एवं विकास के एजेंडे पर एक बार फिर 2023 के विधानसभा चुनाव को जीतकर पुन: राजस्थान में सरकार बनाएंगे।