MP News: मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (MP Home Minister Narottam Mishra) ने आज शीतकालीन विधानसभा सत्र (Winter Assembly Session) के दौरान अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस (Congress) पर निशाना साधा। गृहमंत्री मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि विपक्ष के नेता गोविंद सिंह (Govind Singh) को इसके बजाय प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख कमलनाथ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए था, जिनके नेतृत्व में 38 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी और राष्ट्रपति चुनाव (President Election) में क्रॉस वोटिंग (Cross Voting) हुई थी।

Home Minister Narottam का कांग्रेस पर तंज

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि अविश्वास प्रस्ताव तो किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने, चार हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता देने और प्रत्येक बेटी को 51 हजार रुपये देने के झूठे वादे पर लाया जाना चाहिए था। सरकार हर प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए तैयार है। हम हर नोट पर जवाब देने के लिए तैयार हैं। यह अनुरोध है कि वे इसे सुनें, और वहां से भागें नहीं। यदि उन्होंने कोई प्रश्न उठाया है, तो उन्हें अवश्य सुनना चाहिए और इसका उत्तर भी देना चाहिए।”

Rahul Gandhi के बयान पर दी प्रतिक्रिया

मिश्रा ने राहुल गांधी के “मोहब्बत की दुकान नफरत बाजार में” (नफरत के बाजार में प्यार की दुकान) वाले बयान पर भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा,’राहुल गांधी का नफरत को लेकर बहुत बुरा अनुभव रहा है।’ अपनी ही पार्टी के नेताओं के बीच नफरत के साथ राहुल गांधी को लेकर मिश्रा ने कहा, “जब राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश का दौरा किया, तो उन्होंने दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच नफरत देखी। राजस्थान पहुंचने पर, उन्होंने सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच नफरत देखी।” गृहमंत्री ने कहा, “गहलोत, नाथ और सिंह बहुत अनुभवी नेता हैं। दुकान तो दूर है वे आपको (राहुल गांधी को) दुकान खोलने का लाइसेंस भी नहीं लेने देंगे।”

Speaker Girish Kumar ने स्वीकार किया अविश्वास प्रस्ताव

आपको बता दें कि मंगलवार (20 दिसंबर) को मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का मंगलवार को दूसरा दिन है। विधानसभा स्पीकर गिरीश गौतम ने विपक्ष के लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, जिस पर बुधवार 21 दिसंबर को चर्चा होगी। आपको बता दें कि कांग्रेस ने 51 मुद्दों पर आरोप पत्र तैयार किया है जो लगभग 104 पेज का है। वहीं नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने विधायकों के साथ विधानसभा अध्यक्ष को आरोप पत्र सौंपा है। इसके पहले कांग्रेस मध्य प्रदेश विधानसभा में साल 2011 में स्थगन प्रस्ताव तत्कालीन प्रतिपक्ष के नेता अजय सिंह के नेतृत्व में लेकर आई थी।