India Lockdown Extension: केंद्र सरकार ने रबी फसलों को काटने जा रहे किसानों के लिए कृषि रथ ऐप लॉन्च की है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि इससे किसान लॉकडाउन के बीच भी आसानी से ट्रक किराए पर लेकर अपने सामान को मंडियों तक पहुंचा सकेंगे। ऐप डाउनलोड करने के बाद किसानों को यह बताना होगा कि वह कितनी मात्रा में अपने उत्पादों को मंडी पहुंचाना चाहते हैं। इससे उन्हें ट्रक की मौजूदगी और मंडी तक पहुंचाने के दाम का पता चल जाएगा। किसान ऐप के जरिए ही ट्रक वालों से किराए पर मोलभाव भी कर सकते हैं। अभी ऐप में करीब 5.7 लाख ट्रक्स को रजिस्टर किया जा चुका है।
गृह मंत्रालय ने कोरोनावायरस के मद्देनजर लॉकडाउन के लिए आज कुछ संशोधित गाइडलाइन जारी कीं। दो दिन पहले भी कुछ गाइडलाइन जारी की गई थीं। इनमें राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों को लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराने के लिए कहा गया था। साथ ही इसमें 20 अप्रैल के बाद से कुछ सेक्टर्स को खोलने के संबंध में दिशा-निर्देश भी दिए गए थे। शुक्रवार को मंत्रालय ने एक बार फिर रिवाइज्ड गाइडलाइन जारी कीं। इसमें चार सेक्टर्स के लिए विस्तृत रूप से बताया गया है कि किन चीजों को लॉकडाउन में स्वतंत्र रखा जाएगा। जिन सेक्टर्स के बारे में गाइडलाइन में जिक्र है, उनमें एग्रीकल्चर एंड हॉर्टिकल्चर (कृषि एवं बागवानी), प्लांटेशन (पौधरोपण), फाइनेंशियल सेक्टर और कंस्ट्रक्शन सेक्टर के बारे में जानकारी दी गई है।
दुनियाभर में कोरोना से जुड़ी हर लाइव जानकारी के
किस सेक्टर को किन मामलों में छूट?
कृषि और बागवानीः
कृषि और बागवानी सेक्टर को कलेक्शन, हार्वेस्टिंग (कटाई) में छूट दी गई है। इसके अलावा अनुसूचित जनजातियों को जंगल के छोटे उत्पाद या गैर-लकड़ी के उत्पाद जुटाने की छूट है।
पौधरोपणः
बांस, नारियल, कोको और मसालों के रोपण और उनकी कटाई पर छूट। इसके अलावा इनकी प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, सेल और मार्केटिंग पर भी छूट।
फाइनेंशियल सेक्टरः
फाइनेंशियल सेक्टर में नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस (जिसमें हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां और माइक्रो फाइनेंस संस्थान शामिल हैं) को कम से कम स्टाफ के साथ काम करने की छूट।
कंस्ट्रक्शन सेक्टर (निर्माण क्षेत्र):
कंस्ट्रक्शन सेक्टर को पानी की सप्लाई और सैनिटाइजेशन के कामों के लिए छूट दी गई है। इसके अलावा बिजली की और टेलिकॉम ऑप्टिकल फाइबर बिछाने जैसी प्रक्रियाओं को भी छूट दी गई है।
जानिए राज्यों में कैसे बढ़ रहे कोरोनावायरस के मामले
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कोरोना वायरस के संकट के बीच महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में रह रहे प्रवासी लोगों को बड़ी राहत दी है। महाराष्ट्र राज्य आवास विभाग ने शुक्रवार को मकान मालिकों से कम से कम तीन महीने तक किरायेदारों से किराया वसूली को टालने के लिए कहा है। पढ़िए पूरी खबर
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को सभी प्रभारी मंत्रियों से कहा कि वे लॉकडाउन के दौरान गरीबों को सुचारू रूप से अनाज वितरण सुनिश्चित करें ताकि सरकार को अनावश्यक रूप से कोई बदनामी नहीं झेलनी पड़े।शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, राज्य के वित्त मंत्री पवार ने प्रभारी मंत्रियों को पत्र लिखकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लाभार्थियों की शिकायतों को तुरंत हल करने की हिदायत दी है। मंत्रियों को लिखे पत्र में पवार ने कहा कि पीडीएस के तहत खाद्य भंडार 3.87 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 7.74 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है।उन्होंने कहा कि 1.52 लाख मीट्रिक टन अनाज जरूरतमंदों के लिए उपलब्ध कराया गया है।
सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए चल रहे लॉकडाउन से कुछ और क्षेत्रों को शुक्रवार को छूट दी। इनमें ग्रामीण इलाकों में निर्माण गतिविधियां और देशभर में पानी की आपूर्ति, साफ-सफाई, बिजली, गैर बैंंिकग वित्तीय संस्थानों एवं सहकारी ऋण समितियों को काम करने की अनुमति देना शामिल हैं।केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को भेजे दिशा निर्देशों में कहा कि इमारती लकड़ियों वाले पेड़ों को छोड़कर जंगल के अन्य पेड़ों, इमारती लकड़ियों वाले पेड़ों को छोड़कर अन्य वनोत्पाद के संग्रहण, कटाई और प्रसंस्करण करने में आदिवासियों और वनवासियों को लॉकडाउन से तीन मई तक की छूट दी जाएगी।भल्ला ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में निर्माण गतिविधियों, पानी की आपूर्ति, साफ-सफाई, बिजली, दूरसंचार की लाइनें और केबल बिछाने की अनुमति दी जा रही है।पूरे देश में गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों, लघु वित्त संस्थानों को बंद के दौरान न्यूनतम कर्मचारियों के साथ काम करने की अनुमति दी जा रही है।
लॉकडाउन से ठप होते व्यापार के मौकों देश की इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री ने राहत की मांग की है। दरअसल, सरकार ने कहा है कि 20 अप्रैल के बाद से देश में कुछ आर्थिक गतिविधियां शुरू होंगी। इसमें ई-कॉमर्स और कुछ मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को मौके दिए जाएंगे। ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक और अप्लायंसेज का उत्पादन करने वाली इंडस्ट्रीज ने भी स्थानीय अफसरों से दोबारा काम शुरू करने की मंजूरी मांगी है। कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड अप्लायंसेज मैन्य़ुफैक्चरर एसोसिएशन ने कहा है कि अभी सरकार की तरफ से काफी ऐसी चीजें हैं, जिन्हें साफ किया जाना बाकी है।
एचआईवी पीड़ित बुजुर्ग लॉकडाउन से पहले मुंबई में एक निर्माण स्थल पर अपने बेटे के साथ काम करते थे। अब बेटा भी उनके साथ पैदल ही घर की तरफ निकल पड़ा है। बुजुर्ग के बेटे ने बताया, 'डॉक्टरों ने पिता को पौष्टिक भोजन खाने की सलाह दी है। मगर 24 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन के बाद ये संभव नहीं है।' पढ़ें पूरी खबर...
उत्तर प्रदेश सरकार कोरोनावायरस के चलते लगे लॉकडाउन के बावजूद राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाने के लिए 300 बसें चलाएगी। बताया गया है कि छात्रों ने सोशल मीडिया पर घर लौटने की अपील की थी। इस पर ही सरकार ने संज्ञान लिया है।
डेनमार्क में सोमवार से छोटे व्यापारों को वापस खोला जाएगा। कोरोनावायरस के चलते देश में पिछले एक महीने से लॉकडाउन चल रहा है। सरकार 20 अप्रैल से सैलून और स्कूलों को खोल देगी।
भारत में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने 170 जिलों को रेड जोन घोषित किया है। खास बात यह है कि इन हॉटस्पॉट्स में देश की 37 फीसदी जनसंख्या रहती है। अकेले तमिलनाडु में 37 जिलों में से 22 को रेड जोन के दायरे में रखा गया है। यह सभी रेड जोन देश के 29% इलाके में फैले हैं। इनमें 121 करोड़ जनसंख्या में से 45.3 करोड़ लोग रहते हैं।
कर्नाटक में लॉकडाउन के बावजूद अपने बेटे की शादी कराने के मामले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी घिरते नजर आ रहे हैं। दरअसल, आज ही कुमारस्वामी के बेटे निखिल की रामनगर में कांग्रेस के पूर्व मंत्री एम कृष्णप्पा की बेटी रेवती से शादी हुई। इसकी फोटोज सोशल मीडिया पर भी वायरल हुई हैं। इसी पर कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री सीएन अश्वतनारायण ने कहा, 'मैंने रामनगर के डिप्टी कमिश्नर से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है। मैं वहां के एसपी से बात करुंगा। हमें इस मामले में कार्रवाई करने की जरूरत है। वरना यह सिस्टम का मजाक उड़ाने जैसा होगा।'
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी लॉकडाउन-2 की गाइडलाइंस के मुताबिक खाद-बीज की दुकानें खुलेंगी। वहीं सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनना बेहद जरूरी होगा। इसके अलावा ई कॉमर्स- कूरियर सेवाओं को भी राहत दी गई है। गाइडलाइंस के अनुसार जरुरी चीजों को बनाने वाले कारखाने खुले रहेंगे। इसके अलावा मेडिकल, अस्पताल, क्लीनिक के साथ दवाई की दुकानें खुली रहेंगी।
किसानों की समस्या को ध्यान में रखते हुए खेती से जुड़े कामों को भी छूट दी गई है। खाद-बीज और खेती के औजार बनाने वाली दुकानें भी खुली रहेंगी। मनरेगा के तहत काम भी चलता रहेगा। इसके अलावा बैंक शाखाएं, एटीएम, पोस्टल सेवा, पोस्ट ऑफिस खुले रहेंगे। बीमा कंपनियां जी बैंक के साथ काम करती हैं उन्हें भी छूट दी गई है।
महाराष्ट्र में कोरोनावायरस से मौतों और संक्रमण का सिलसिला थम नहीं रहा। इसके बावजूद सैकड़ों की संख्या में लोग मॉर्निंग वॉक और अलग-अलग बहाने बनाकर घरों से निकल रहे हैं। इसी के मद्देनजर पुणे पुलिस ने 200 से ज्यादा लॉकडाउन उल्लंघनकर्ताओं को स्वरगेट पर 4 घंटे तक सजा के तौर पर सड़क पर बिठाया। इस दौरान पुलिस ने उनके बैठने के लिए गोला बनाया और उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का महत्व समझाया।