राज्यसभा में गुरुवार को महिला कामगारों को समान वेतन दिए जाने की मांग करते हुए माकपा के एक सदस्य ने कहा कि सरकार को जमीनी हकीकत के अनुसार पहल करनी होगी। शून्यकाल के दौरान माकपा के तपन कुमार सेन ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि महिला दिवस पर महिलाओं के साथ न्याय करने का संकल्प लिया गया। लेकिन सच तो यह है कि काम की सहूलियत की आड़ में समान पारिश्रमिक कानून का उल्लंघन किया जा रहा है और महिला कामगारों को उनके पुरुष समकक्षों की तुलना में कम वेतन दिया जा रहा है।

उन्होंने सरकार पर खुद ही इस कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि महिला बीड़ी कामगार समान वेतन से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि एक करोड़ से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को कामगारों के तौर पर मान्यता नहीं दी गई है। जिसके चलते वे न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा से वंचित हैं। यही स्थिति आशा कार्यकर्ताओं की है। सेन ने सरकार से इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने का आग्रह किया। विभिन्न दलों के अन्य सदस्यों ने भी इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया।

माकपा के ही केके रागेश ने लक्षद्वीप में रहने वाले लोगों की हालत का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि लक्षद्वीप के गठन को 60 साल हो गए हैं। लेकिन वहां स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्तियों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इन वर्गों के छात्रों को मैट्रिक के पहले विभिन्न छात्रवृत्तियां दिए जाने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इन छात्रवृत्तियों का वितरण नेशनल पोर्टल के माध्यम से किया जाना था। लेकिन पोर्टल क्रैश हो चुका है और छात्रों को छात्रवृत्तियां नहीं मिल रही हैं।

इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा- हमारी सरकार पूरी जिम्मेदारी से छात्रवृत्ति पात्र छात्रों को देने के लिए प्रतिबद्ध है और अगर किसी घटना विशेष की जानकारी दी जाएगी तो उस पर तत्काल ध्यान दिया जाएगा। बीजद के दिलीप तिर्के ने पोलावरम परियोजना का मुद्दा उठाते हुए कहा कि आंध्रप्रदेश की इस परियोजना के कारण ओड़ीशा में बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हो रहे हैं और खेती की जमीन व संरक्षित वन क्षेत्र सहित कई गांवों के डूबने का खतरा है।

विस्थापितों के पुनर्वास, उन्हें समुचित मुआवजा देने के साथ ही सरकार को परियोजना का पुन:मूल्यांकन करना चाहिए फिर आगे कदम बढ़ाना चाहिए। झामुमो के संजीव कुमार ने झारखंड में दामोदर वैली कॉरपोरेशन के मैथन बांध निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण किए जाने के एवज में पात्र आदिवासियों को मुआवजा और रोजगार न मिल पाने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ये आदिवासी धनबाद के बलियापुर में पिछले दस दिन से धरने पर बैठे हैं और सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।