देश के गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सुरक्षा में अब महिला कमांडो भी तैनात किया जाएगा। ये नेता पहले से ही सीआरपीएफ की जेड प्लस सुरक्षा घेरे में हैं, मगर पहली बार सीआरपीएफ इस वीआइपी सुरक्षा के लिए महिला कमांडो की तैनाती कर रहा है।

जाहिर है की अब गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित सोनिया गांधी परिवार की सुरक्षा सीआरपीएफ की महिला कमांडो करेंगी और साथ ही पहले से तैनात पुरुष टुकड़ी भी रहेगी। ये सभी विशिष्ट नेता सीआरपीएफ की जेड प्लस सुरक्षा में पहले से हैं। मगर ये पहली बार हो रहा है कि वीआईपी सुरक्षा के लिए महिला कमांडो की तैनाती हो रही है।

सीआरपीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि महिला कमांडो के पहले बैच में 32 महिला लड़ाकों ने अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है, और इनकी तैनाती आगामी 15 जनवरी तक होनी है। सूत्रों का कहना है कि टुकड़ी के आकार को देखते हुए महिला कमांडो को सर्वप्रथम सुरक्षा प्राप्त लोगों के आवास पर ही तैनात किया जाएगा।

एक अधिकारी ने कहा कि महिला कमांडो की संख्या कम होने के चलते प्रत्येक नेता को पांच या छह महिला कमांडो ही मिलेंगी। फिलहाल इनकी तैनाती सफर के लिए नहीं हो रही, मगर जरूरत पड़ी तो उन्हें सुरक्षा प्राप्त नेताओं के साथ चुनावी रैलियों में भी तैनात किया जा सकता है। जाहिर है कि अगले साल पांच राज्यों में चुनाव होने हैं, जिसमें सुरक्षा प्राप्त नेता जाएंगे। इसमें महिला कमांडो को अतिरिक्त जिम्मेदारी मिल सकती है।

गौरतलब है कि गांधी परिवार और मनमोहन सिंह के लिए पहले भी एसपीजी की सुरक्षा के तहत महिला कमांडो की एक छोटी टुकड़ी तैनात की गई थी, जो आवासीय सुरक्षा के लिए ही तैनात थी। मगर नवंबर 2019 में वापस ले ली गई थी। एसपीजी के बाद ही इन नेताओं को जेड प्लस का सुरक्षा घेरा दिया गया था।

2012 में भी एनएसजी के तहत 25 महिला कमांडो को तैयार किया गया था, जो कि देश में आतंकवाद विरोधी बल के रूप में कार्य करते हैं। हालांकि तब इन्हें इस तरह नहीं तैनात किया गया था।

इससे पहले इस तरह की सुरक्षा बसपा प्रमुख मायावती और अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम प्रमुख जे जयललिता को दी गई थी। हालांकि दोनों महिला नेताओं ने उसको लेने से अनिच्छा जताई थी। उनका कहना था कि उनको जो तत्कालीन सुरक्षा मिली थी, उसी को बनाए रखा जाए, मगर मीडिया में बढ़ते विवाद के बाद दोनों मान गईं।

इस दौरान सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी को दी गई केंद्रीय सुरक्षा वापस लेने का आदेश दिया है। दो बार विधायक रह चुके बनर्जी ने बंगाल चुनाव से पहले ही टीएमसी से इस्तीफा देकर भाजपा में चले गए थे, जिसके बाद उन्हें केंद्रीय सुरक्षा घेरा दिया गया था, मगर इसी अक्टूबर में में वे फिर से टीएमसी में शामिल हो गए जिसके बाद उनकी सुरक्षा वापस लेने का आदेश दिया गया है।