AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर कहा कि भाजपा के साथ जाने का तो सवाल ही नहीं पैदा होता। समंदर के दो किनारे एक नहीं हो सकते। दूसरी पार्टियों को सोचना है कि वे क्या करेंगे। उत्तर प्रदेश में पहले के मुकाबले 50-55 ज़िलों में हमारा संगठन मजबूत है। यकीन है कि हमारे उम्मीदवार विधायक बनेंगे।
यूपी में विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM भी यूपी चुनाव में किस्मत आजमाने की फिराक में है। ऐसे में असदुद्दीन ओवैसी यूपी के पुराने मुद्दे उठा रहे हैं। शुक्रवार को ओवैसी ने अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने का मुद्दा उठाते हुए बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब तक जिंदा रहेंगे कौम को बताएंगे कि बीजेपी ने मस्जिद को शहीद किया।
ओवैसी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यकों की शिक्षा का स्तर बेहद कम है। अल्पसंख्यकों को आगे बढ़ने के लिए अपनी राजनैतिक आवाज उठाने की जरूरत है। उन्होंने सवाल किया कि पांच साल में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अल्पसंख्यकों को आगे बढ़ाने के लिए क्या किया है?
यूपी के पूर्व सीएम और एसपी प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा कि अखिलेश तो बीजेपी से मिले हुए हैं। इटावा में उन्होंने अपना कैंडिडेट नहीं उतारा। वहीं मुलायम सिंह यादव ने संसद में खड़े होकर कहा था कि मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनकर आएं। उन्होंने सवाल किया कि अखिलेश यादव कौन सी दुनिया में हैं? यूपी में उनके चलते ही ऐसे हालात बने हैं।
उत्तर प्रदेश में पहले के मुकाबले 50-55 ज़िलों में हमारा संगठन मजबूत है। यकीन है कि हमारे उम्मीदवार विधायक बनेंगे। भाजपा के साथ जाने का तो सवाल ही नहीं पैदा होता। समंदर के दो किनारे एक नहीं हो सकते। दूसरी पार्टियों को सोचना है कि वे क्या करेंगे: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी pic.twitter.com/RxLWYaYP7l
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 11, 2021
बिना साथ गए जब भाजपा को फायदा पहुंचाया जा सकता है तो फिर साथ जाने की क्या जरूरत।
— Molitics (@moliticsindia) August 11, 2021
ओवैसी ने कहा कि यूपी में एसपी-बसपा ब्राह्मण सम्मेलन करती है और हम अगर मजलूमों की बात करते हैं तो कहते हैं कि आप बात नहीं करना। अगर हम बात नहीं करें तो फिर आप कैसे बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी ने यूपी की राजनीति की। लेकिन मुसलमानों की हालत पर बात करने पर ‘हम’ वोट कटवा पार्टी हो जाते हैं।
सोशल मीडिया पर यूजर्स ने ओवैसी पर तंज कसते हुए कहा कि बिना साथ गए जब भाजपा को फायदा पहुंचाया जा सकता है तो फिर साथ जाने की क्या जरूरत। एक और यूजर का कहना था कि बीजेपी अगर तुझ जैसे गंदगी को पार्टी में शामिल करेगी तो उसका भी पतन निश्चित होगा।