Suvendu Adhikari Political Controversy: बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने मंगलवार को विवादित बयान देकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी। अधिकारी ने कहा कि 2026 में बंगाल में विधानसभा चुनाव होंगे। अगर बीजेपी राज्य की सत्ता में आती है तो भाजपा मुस्लिम विधायकों को विधानसभा से बाहर से निकाल देगी। बीजेपी नेता के इस बयान के बाद विवाद पैदा हो गया।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने अधिकारी के इस बयान की आलोचना की। टीएमसी ने इसे ‘घृणास्पद भाषण’ करार दिया। पिछले दिन भाजपा के हल्दिया विधायक तापसी मंडल के पार्टी में शामिल होने के बाद अधिकारी की “मानसिक स्थिरता” पर सवाल उठाया। 17 फरवरी को बजट सत्र के अंत तक विधानसभा से निलंबित किए गए अधिकारी ने ममता सरकार को “एक सांप्रदायिक प्रशासन बताया जो मुस्लिम लीग के दूसरे संस्करण की तरह व्यवहार कर रहा है। उन्होंने विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से कहा कि बंगाल के लोग इस बार उन्हें उखाड़ फेंकेंगे।
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राज्य भाजपा के बड़े नेताओं ने सुवेंदु अधिकारी की बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वहीं, तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि एक निर्वाचित प्रतिनिधि को साथी विधायकों के खिलाफ इस तरह की भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल करना शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा कि संसद या राज्य विधानसभाओं में बहस और तर्क हो सकते हैं। लेकिन धर्म को हवा देना और किसी खास समुदाय के विधायकों को निशाना बनाना संविधान के सिद्धांतों के विपरीत है। यह खतरनाक, भड़काऊ और भ्रष्ट है। यह एक आपराधिक अपराध भी है।
बता दें, यह पहला मामला नहीं है जब अधिकारी के बयानों ने उनकी पार्टी में भी बेचैनी पैदा की है। बंगाल में 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद अधिकारी ने पार्टी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ नारे को खत्म करने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि मैं कहूंगा ‘जो हमारे साथ, हम उनके साथ’। हमें अल्पसंख्यक मोर्चा की जरूरत नहीं है। जिसके बाद पार्टी के सहयोगियों ने सार्वजनिक रूप से इस टिप्पणी को खारिज कर दिया।
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