2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को चुनौती देने के लिए विपक्षी दलों की तरफ से कवायद की जा रही है। बंगाल विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद से ममता बनर्जी की तरफ से राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत मोर्चा बनाने पर बल दिया गया है। बंगाल चुनाव में टीएमसी के रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर भी लगातार सक्रिय देखे गए हैं। इधर ममता बनर्जी को मंगलवार को गुपकार से जुड़े नेताओं का भी समर्थन मिला है।
मीडिया से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे लगता है कि इस मुद्दे पर अभी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। मैं जल्दी में कुछ कहकर संभावित विपक्षी एकता को तोड़ना नहीं चाहता। लेकिन ममता बनर्जी को अभी पश्चिम बंगाल के लोगों ने प्रचंड जनादेश दिया है। जिस तरह से उन्होंने बीजेपी को शिकस्त दी और उन्हें हरा दिया, उसे कोई भी नजरअंदाज नहीं कर सकता। अब्दुल्ला ने कहा कि हमें कोशिश करनी चाहिए और मुद्दों पर किसी तरह की आम सहमति पर पहुंचना चाहिए और मुझे लगता है कि ममता बनर्जी उन मुद्दों पर आम सहमति बनाने के मामले में आगे बढ़ सकती हैं। जिन मुद्दों पर हम भाजपा से लड़ सकते हैं।
बताते चलें कि तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल और वाम दलों समेत आठ विपक्षी दलों के नेता मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर एकत्र हुए और उन्होंने अनेक विषयों पर बातचीत की। सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ तीसरे मोर्चे की अटकलों के बीच यह बैठक हुई।
हालांकि बैठक में भाग लेने वाले नेताओं ने कहा कि यह ‘राष्ट्र मंच’ के समान विचार वाले लोगों की ‘अराजनीतिक बैठक’ थी। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा ने अन्य नेताओं के साथ संगठन की स्थापना की थी।
बैठक दो घंटे से अधिक समय तक चली जिसमें सिन्हा के साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी (सपा) के घनश्याम तिवारी, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी, आम आदमी पार्टी (आप) के सुशील गुप्ता, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के बिनय विस्वाम तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता नीलोत्पल बसु शामिल हुए। कांग्रेस के पूर्व नेता संजय झा और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व नेता पवन वर्मा ने भी बैठक में भाग लिया। इनके अलावा बैठक में जावेद अख्तर, के सी सिंह और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एपी शाह जैसी हस्तियां भी शामिल हुईं।