पटना हाईकोर्ट के सात जजों का जीपीएफ अकाउंट बंद होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट तुरंत सुनवाई करेगा। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच के सामने ये मसला रखा गया तो उन्होंने अर्जेंट हियरिंग करने का फैसला किया। मामले की सुनवाई दो दिन बाद यानि शुक्रवार को की जाएगी। सीजेआई फिलहाल शिवसेना मामले की सुनवाई कर रहे हैं। अगले दो दिनों तक वो खासे व्यस्त रहेंगे। यही वजह है कि सात जजों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट दो दिन बाद यानि शुक्रवार को सुनवाई करने पर सहमत हुआ।
सात जजों की तरफ से उनके वकील ने सीजेआई के सामने ये मामला रखा। उनका कहना था कि जनरल प्राविडेंट फंड का खाता बंद कर दिया गया है। सीजेआई ने तुरंत पूछा- क्या जजों का जीपीएफ अकाउंट बंद हो गया? रिट किसकी तरफ से दायर की गई है। वकील ने जब बताया कि पटना हाईकोर्ट के सात जज मामले को लेकर उनकी कोर्ट में आए हैं। सीजेआई ने तुरंत कहा कि मामले को शुक्रवार को सुनवाई के लिए लिस्ट करो।
तीखा फैसला दे सकता है सुप्रीम कोर्ट
बताया जाता है कि जजों का जीपीएफ अकाउंट बंद होने का मसला हाल ही में सामने आया था। मामला हाईकोर्ट के सात जजों से जुड़ा था इस वजह से बिहार में हड़कंप मच गया। तमाम मशविरे के बाद में सातों जजों ने फैसला किया कि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के सामने ले जाया जाए। उसके बाद रिट दाखिल की गई। अब गेंद सीजेआई के पाले में है। जिस तरह के तेवर डीवाई चंद्रचूड़ ने दिखाए हैं उससे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में तीखा फैसला देने वाला है। जिसकी गलती निकली उस पर गाज गिरना तय है।
जानिए क्या है GPF का सिस्टम
जीपीएफ 31 दिसंबर,2003 या इससे पहले नौकरी कर रहे सरकारी कर्मचारियों के लिए है। स्कीम में सरकारी कर्मचारियों को अपनी सैलरी का जीपीएफ में कम से कम 6 फीसदी योगदान देना होता है। इसमें एक वित्त वर्ष में अधिकतम 5 लाख तक का ही योगदान किया जा सकता है। जीपीएफ में सरकार की ओर से कोई भी योगदान नहीं दिया जाता है। जीपीएफ में किए जाने वाले योगदान पर भी इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत छूट मिलती है।