Haryana Assembly Elections: एग्जिट पोल के नतीजों ने हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने का दावा किया है। कांग्रेस आलाकमान के लिए सबसे बड़ा सवाल मुख्यमंत्री पद को लेकर है कि चुनाव जीतने के बाद किसके सिर पर सेहरा पहनाया जाए। ऐसे में कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने कहा है कि मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार पार्टी हाईकमान ही तय करेगा। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि जब सीएम पद के लिए विचार किया जाएगा, तो उनका नाम दावेदारों में शामिल होगा, क्योंकि पार्टी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर कभी सवाल नहीं उठाया गया है।
शैलजा ने ANI को दिए इंटरव्यू में कहा कि इसका जवाब हाईकमान को ही देना है और उन्हें (सीएम उम्मीदवार के बारे में) फैसला करना होगा। इसको लेकर कई लोग दावेदार होंगे और मुझे लगता है कि शैलजा उनमें से एक होंगी। हाईकमान वरिष्ठता, काम और इन सभी चीजों को देखेगा, इसलिए हाईकमान इस मामले में शैलजा की अनदेखी नहीं करेगा। पार्टी के प्रति मेरी प्रतिबद्धता पर कभी सवाल नहीं उठा, यह एक ऐसी चीज है जिसे वे जानते हैं और इस पर उन्हें पूरा भरोसा है।
हरियाणा में कांग्रेस मजबूत स्थिति में है- शैलजा
हरियाणा विधानसभा चुनाव में पार्टी की संभावनाओं के बारे में बात करते हुए शैलजा ने कहा कि कांग्रेस अच्छी स्थिति में है और राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत शीर्ष नेताओं ने राज्य में कड़ी मेहनत की है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने राज्य में “काफी बदलाव” किया है।
उन्होंने कहा कि हम आगे बढ़ चुके हैं, कल चुनाव होंगे और कांग्रेस अच्छी स्थिति में है। बहुत मेहनत की गई, राहुल गांधी ने खुद भी कड़ी मेहनत की। प्रियंका गांधी भी यहां आईं, कांग्रेस अध्यक्ष भी यहां आए। राहुल गांधी की यात्रा से जो शुरू हुआ, उससे राज्य में बहुत फर्क पड़ा। राज्य में एक माहौल बन गया है।
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पार्टी में अंदरूनी कलह की अफवाहों के बीच अशोक तंवर के फिर से कांग्रेस में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर शैलजा ने कहा, “मुझे इसके बारे में पहले ही बता दिया गया था।”
क्या कुमारी शैलजा को नजरअंदाज किया जा रहा है?
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें एक दलित नेता को नजरअंदाज किया जा रहा है? शैलजा ने कहा कि कोई भी किसी का संपूर्ण और एकमात्र नेता नहीं हो सकता, लेकिन समुदाय देखता है कि उनके नेता के साथ क्या होता है…इसलिए, हर समुदाय की अपनी अपेक्षाएं होती हैं। यह सब राजनीति का हिस्सा है। शामिल होना भी राजनीति का हिस्सा है…शैलजा कभी नहीं गई, न जाती है…शैलजा क्यों जाएंगी? दिल्ली एक ऐसा केंद्र है जहां बहुत सी अतार्किक बातें होती हैं…लेकिन मेरे राज्य के लोग मुझे अच्छी तरह जानते हैं…शैलजा तो कांग्रेसी हैं। मैं कांग्रेस से नाराज नहीं हूं…”
क्या कुमारी शैलजा कांग्रेस से नाराज़ हैं?
उन्होंने कहा, “क्या सौदेबाजी? हर कोई ऐसी बातें कहता है। कांग्रेस पार्टी में हमारी प्रतिबद्धता हाईकमान के प्रति है…मैं अभी भी उनके (गांधी परिवार) साथ खड़ी हूं, मैं उनके साथ खड़ी रहूंगी। उन्हें इस बात का अहसास है…राहुल गांधी यहां नहीं थे। मैडम ( सोनिया गांधी ) अब उस स्तर की दिलचस्पी नहीं ले रही हैं, जब वह अध्यक्ष थीं और पूरी तरह से नियंत्रण में थीं…टिकट वितरण समिति स्थिति से ठीक से निपट नहीं सकी…उनमें कमी थी…”
कांग्रेस सांसद ने कहा, “मैं कांग्रेस से नाराज नहीं हूं। बहुत सारी चर्चाएं होती हैं और कई स्थितियां सामने आती हैं…ये होती रहती हैं…सम्मान तो है। इसमें कोई संदेह नहीं है। पद है, सम्मान है। कई बार कुछ ऐसी चीजें होती हैं जिससे लोगों को लगता है कि पूरा सम्मान नहीं दिया गया। राजनीति धारणा का खेल है। किसी को भी 100 फीसदी टिकट नहीं मिल सकता, यह संभव नहीं होता। यह पार्टी का आंतरिक मामला है। मैं भी पार्टी का हिस्सा हूं और अन्य भी हैं।”