पत्रकार संकर्षण ठाकुर ने एक इंटरव्यू के दौरान प्रशांत किशोर से अमित शाह को लेकर सवाल किया। जवाब देते हुए पीके ने कहा कि जितनी मेरी उम्र, उतने दिन से वे राजनीति में है। प्रशांत किशोर ने मोदी और अमित शाह के साथ काम करने के दौरान के अपने अनुभवों को इस इंटरव्यू में साझा करते हुए कहा कि किसी भी राजनेता की तरह ही वो लोग भी मेरे साथ राजनीति पर ही चर्चा करते थे।
पीके ने कहा कि सरकार की किस योजनाओं से आम लोग खुश हैं। कौन सी योजनाओं को लागू किया जाना चाहिए था। किस क्षेत्र में बेहतर काम किया जा सकता है। राजनीतिक मुद्दों पर मेरी राय वो लिया करते थे। पत्रकार ने पूछा कि ‘घर वापसी’ के मुद्दे पर बात नहीं होती थी? प्रशांत किशोर ने हंसते हुए कहा ‘सॉरी’। जब उनसे अमित शाह को लेकर सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि वो भी इसी तरह की बातचीत करते थे।
पीके ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि सरकार और संगठन में कोई अधिक अंतर था। मोदी और अमित शाह दोनों के ही लगभग एक ही तरह की बातचीत रहती थी। हालांकि प्रधानमंत्री सरकारी योजनाओं को लेकर अधिक बात करते थे वहीं अमित शाह संगठन पर अधिक चर्चा करते थे। लेकिन लगभग-लगभग बातें एक जैसी ही होती थी।
पत्रकार ने सवाल किया कि आप उन्हें क्या बताते थे? पीके ने कहा कि मैं उन्हें अपने छोटे से ज्ञान से कुछ-कुछ बातें बताते था। वो काफी कम था। आप जानते ही हैं वो मेरी जितनी उम्र है उतने दिनों से वो राजनीति में हैं। मैं उन्हें कितना ही बता सकता हूं। उनके पास लोगों का एक बड़ा नेटवर्क है।
जब प्रशांत किशोर से पूछा गया कि क्या राहुल गांधी प्रधानमंत्री मटेरियल हैं? पीके ने कहा कि ये कहने वाला मैं कौन होता हूं? पत्रकार की तरफ से दवाब बनाए जाने के बाद हंसते हुए उन्होंने कहा कि ये बात देश की जनता तय करेगी। उन्हें जनता के सामने साबित करना है। अगर आप कहते हैं कि मैं क्या सोचता हूं तो यही कारण है की गुप्त मतदान करवायी जाती है।