रिपब्लिक चैनल पर इंटरव्यू के दौरान एंकर अर्नब गोस्वामी ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से सवाल किया था कि आप तमाम जिंदगी चुनावी रणनीतिकार या सलाहकार ही बने रहेंगे? इसके जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा था , ‘नहीं। बिल्कुल नहीं। निश्चित तौर पर मैं अपने पहले प्रयास में राजनीति में असफल रहा। लेकिन मैं जरूर वापसी करूंगा। भले ही मैंने रुककर समय लेने का फैसला किया हो लेकिन वापसी जरूर करूंगा।मैं हारने से डरता नहीं हूं।’
इंटरव्यू में जब प्रशांत किशोर से एंकर ने पूछा कि आपको क्या लगता है कि किसी राज्य में भीतरी और बाहरी की राजनीति करना सही है? क्या ममता बनर्जी द्वारा पीएम मोदी को बाहरी कहना सही है? इसके जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा था कि हर नेता अपने क्षेत्र और वोट बैंक की हिफाजत करना चाहता है इसलिए ऐसे बयान देता है। किशोर ने कहा था कि पीएम मोदी को गुजरात में जो फायदा मिलता है वही सीएम ममता को बंगाल में मिलता है।
मालूम हो कि हाल ही में राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रमुख सलाहकार के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सीएम के नाम लिखी चिट्ठी में सार्वजनिक जीवन से अस्थायी ब्रेक लेने के फैसले का जिक्र किया और कहा कि उन्हें अभी भी अपने आगे के कदमों पर विचार करना है।
बताया गया है कि प्रशांत किशोर ने चिट्ठी में कैप्टन से खुद को कार्यमुक्त करने की अपील करते हुए कहा कि उन्होंने कभी सलाहकार के पद का प्रभार लिया ही नहीं। उन्होंने आगे लिखा, “चूंकि मुझे अभी अपने भविष्य के कार्य के बारे में निर्णय लेना है, इसलिए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मुझे इस जिम्मेदारी से मुक्त करने की कृपा करें। इस पद के लिए मुझे चुनने और अवसर देने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं।”
वहीं, कांग्रेस पार्टी प्रशांत किशोर को अपने साथ लेना चाहती है। इसको लेकर उनकी राहुल गांधी और अन्य नेताओं के साथ कई बार बैठक भी हो चुकी है। राहुल गांधी ने संकेत दिया है कि प्रशांत किशोर की भूमिका को लेकर जल्द फैसला किया जाएगा। फिलहाल इस बारे में पार्टी के अंदर मंथन हो रहा है कि उनको लेने से कितना नफा-नुकसान होगा।
