‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को दिए एक इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने बताया था कि वे मोदी सरकार से इसलिए खुश नहीं हैं क्योंकि मोदी सरकार देश में एक पार्टी सिस्टम लाना चाहती है। चुनावी रणनीतिकार ने बताया कि मोदी सरकार को बहुमत मिला है या वह 7 सालों से सत्ता में है ये मुद्दा नहीं है बल्कि मुद्दा ये है कि मोदी सरकार सिर्फ लोगों का वोट नहीं चाहती है बल्कि उनके दिल-दिमाग को उससे भी आगे जाकर प्रभावित करना चाहती है। प्रशांत किशोर ने बताया, ‘मोदी सरकार सिर्फ आपका वोट नहीं बल्कि आपके निजी जीवन में भी दखल देना चाहती है। सरकार लोगों के दिल दिमाग पर नियंत्रण स्थापित करना चाहती है। बीजेपी कांग्रेस मुक्त भारत की बात करती है जो कि एक खतरनाक बात है। देश से विपक्ष को गायब करना खतरनाक है।’

उन्होंने कहा कि आज की तारीख में मोदी सरकार अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के कामों को भी नजरअंदाज कर रही है। लोगों को आज डर इस बात का है कि सरकार उनके निजी जीवन में दखल दे रही है। मालूम हो कि राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने हाल ही में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सुप्रीमो शरद पवार से मुलाकात की थी, जिसके एक दिन बाद आठ विपक्षी दलों के नेता पवार के आवास पर एकत्र हुए और देश के सामने आने वाले विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक, किशोर और पवार के बीच दिल्ली में उनके आवास पर बंद कमरे में हुई बातचीत करीब एक घंटे तक चली थी।

जानकारी दे दें कि एक पखवाड़े के भीतर यह उनकी तीसरी मुलाकात थी। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस की प्रचंड जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले किशोर ने 11 जून को मुंबई में पवार से मुलाकात की थी। उन्होंने दिल्ली में राकांपा प्रमुख से फिर मुलाकात की। पवार के साथ बैठक ने बीजेपी के खिलाफ तीसरा मोर्चा बनाने के लिए विपक्षी दलों के एक साथ आने की अटकलों को हवा दी है।

पवार ने दिल्ली में तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल और वाम दलों सहित आठ विपक्षी दलों के नेताओं की एक बैठक की मेजबानी की थी। हालांकि, उस चर्चा में भाग लेने वाले नेताओं ने जोर देकर कहा कि यह राष्ट्रीय मंच द्वारा समान विचारधारा वाले व्यक्तियों की एक “गैर-राजनीतिक” बैठक थी जिसे पूर्व वित्त मंत्री और टीएमसी उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा ने अन्य लोगों के साथ बनाया था।

पवार के आवास पर विपक्षी दल के नेताओं की बैठक में नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला, सपा के घनश्याम तिवारी, रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी, आप से सुशील गुप्ता, भाकपा के बिनॉय विश्वम, माकपा के नीलोत्पल बसु और टीएमसी उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा शामिल हुए थे। कांग्रेस के पूर्व नेता संजय झा और जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) के पूर्व नेता पवन वर्मा ने भी बैठक में भाग लिया।

राजनेताओं के अलावा, जावेद अख्तर, पूर्व राजदूत केसी सिंह और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एपी शाह जैसी कई प्रतिष्ठित हस्तियां भी बैठक में मौजूद थीं।