G-20 Summit: देश की राजधानी दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मलेन की बैठक होने वाली है। दुनिया के कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष बैठक में भाग लेने दिल्ली आ रहे हैं। सुरक्षा के मद्देनजर पूरी दिल्ली को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। दिल्ली के सभी स्कूल-कॉलेज को 8 से 10 सितंबर तक बंद करने का निर्देश दिया गया है। वहीं कई ऑफिस में कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सलाह दी गई है। वीवीआईपी का काफिला जहां से भी गुजरने वाला है वहां अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया गया है। भारत ने राष्ट्राध्यक्षों को आयोजन स्थल तक पहुंचाने और मेहमानों को साइबर अटैक से बचाने के लिए दिल्ली में जीरो ट्रस्ट मॉडल को लागू किया है।

साइबर हमले की है आशंका

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार से जुड़े एक सीनियर अफसर ने बताया कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां चीन और पाकिस्तान के साइबर अटैकर्स पर नजर बनाए हुए हैं। साइबर खतरे की आशंका को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार की सभी एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं। एजेंसियों ने इससे निपटने के लिए तकनीकी तौर पर इंफ्रास्ट्रक्चर को और भी बेहतर बनाया है। भारत सरकार आईटी सिस्टम की लगातार मॉनिटरिंग कर रही हैं। इससे जुड़े एक्सपर्ट्स किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। यही जीरो ट्रस्ट पॉलिसी है। पूरी दिल्ली में इस पॉलिसी को लागू किया गया है।

क्या होता है जीरो ट्रस्ट मॉडल?

गृह मंत्रालय के अंतर्गत साइबर डिवीजन हर उपकरण और प्राइवेट नेटवर्क पर कड़ी नजर बनाये हुए है। सुरक्षा एजेंसियां हर डिवाइस को वेरीफाई कर रही है। किसी भी बाहरी सिस्टम या डिवाइस पर विश्वास नहीं किया जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों ने दिल्ली के सभी होटलों को इससे संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

जी-20 समिट में पहले भी हो चुका है साइबर अटैक

साल 2011 में जी-20 समिट का आयोजन पेरिस में किया गया था। इस बैठक में फिशिंग ईमेल्स और मालवेयर फ्रांस के वित्त मंत्रालय को भेजा गया था ताकि हैकर्स जी-20 से जुड़ी संवेदनशील जानकारी हासिल कर सकें। इसके बाद साल 2014 में ब्रिस्बेन में जी-20 समिट का आयोजन किया गया था। इस बैठक में भी हैकर्स ने कई नेताओं पर साइबर अटैक किया। साल 2017 में जर्मनी में जी-20 बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में भी हैकर्स ने कई नेताओं पर साइबर अटैक किया था। पाकिस्तान-चीन से साइबर अटैक होने के खतरा के कारण भारत सरकार ने पूरे दिल्ली में जीरो ट्रस्ट मॉडल लागू किया है।

DRDO संभालेगा साइबर सिक्योरिटी की कमान

जी-20 के आयोजन के दौरान साइबर सिक्योरिटी की कमान डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाईजेशन यानी DRDO संभालेगा। DRDO की कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम (CERT) साइबर सिक्योरिटी को संभालेगी। इसके अलावा दिल्ली पुलिस की साइबर यूनिट की भी हैकर्स पर नजर है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक आयोजन से जुड़ी जिम्मेदारी संभालने वाले लोगों और होटल्स मालिकों को वाईफाई सेफ्टी, डिवाइस मॉनिटरिंग और नेटवर्क एक्सेस को मॉनिटर करने का आदेश दिया गया है। उन्हें ऐसे सभी पोर्ट को डिसेबल करने को कहा गया है जिसमें गैर-आधिकारिक कनेक्शन है।

दिल्ली के 28 होटल में बने हैं साइबर स्क्वाड स्टेशन

दिल्ली के जिन 28 होटल्स में वीवीआईपी के रुकने की व्यवसथा की गई उन सभी होटलों की सिक्योरिटी को बढ़ाने के साथ-साथ हाईटेक भी किया गया हैं। इसके अलावा आईटीसी मौर्य, इरोज होटल, रेडिसन ब्लू, ताज होटल, प्राइड प्लाजा, विवांता बाय ताज, होटल ग्रैंड, एंबेसडर बाय ताज, द अशोक, हयात रीजेंसी, जेडब्ल्यू मैरियट, अंदाज डेल्ही, द लोधी, द लीला, द सूर्या, इम्पीरियल, द ओबेरॉय, आईटीसी भारत गुड़गांव समेत कई अन्य होटल में सायबर स्क्वाड स्टेशन बनाए गए हैं।