West Bengal: पश्चिम बंगाल में पिछले कुछ महीनों से आए दिन हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं, जिसको लेकर बीजेपी और कांग्रेस पार्टी लगातार इसके लिए सत्तारूढ़ टीएमसी को जिम्मेदार बताती रही हैं तो वहीं टीएमसी ने इस हिंसा के पीछे बीजेपी का हाथ होना बताया है। पंचायत चुनाव के दौरान भी पश्चिम बंगाल में कई लोगों की मौत हुई थी। जिसको लेकर बीजेपी और टीएमसी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था। इसी बीच अब पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के डोमकल से एक खबर सामने आ रही है। यहां रविवार को कांग्रेस महिला खातून बेवा की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या दी गई।

कथित तौर पर 65 वर्षीय खातून बेवा की तृणमूल कांग्रेस के लोगों से बहस हो गई। आरोप है कि इसके बाद उसकी पिटाई की गई. डोमकल थाना संख्या 10 के घोरमारा इलाके के हरुरपारा इलाके में इस घटना को लेकर तनाव फैल गया। मृतक महिला के छोटे भाई बिलाल मंडल ने कहा, ‘वह कट्टर कांग्रेस समर्थक होने के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और अनुभवी पार्टी के लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी की कट्टर समर्थक थीं।’

बिलाल ने आगे बताया कि सत्तारूढ़ दल का समर्थन प्राप्त कुछ उपद्रवी उनके घर के सामने गालियां दे रहे थे। जब मेरी बहन ने इसको लेकर विरोध किया तो उपद्रवी इस बात से नाराज हो गए और मेरी बहन को पीट-पीटकर मार डाला। मृतका के भाई ने कहा कि हम दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं।

जिला तृणमूल कांग्रेस नेता अशोक दास ने आरोपों से इनकार किया और दावा किया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना पड़ोसियों के बीच झगड़े का नतीजा है। उन्होंने कहा, “जिले में कांग्रेस नेतृत्व इसमें अनावश्यक रूप से हमारा नाम घसीटकर राजनीतिक रंग जोड़ने की कोशिश कर रहा है।”

इस हत्या के बाद पश्चिम बंगाल में 8 जून को पंचायत चुनाव के लिए मतदान की तारीख की घोषणा होने के बाद से राज्य में अब तक कुल 56 लोगों जान जा चुकी है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 16 अगस्त तक पंचायत बोर्ड का गठन करने का आदेश दिया है। अधिसूचना जारी कर दी गई है, लेकिन फिर भी चुनाव बाद हिंसा कम नहीं हो रही है। अधिसूचना में कहा गया है कि उपयुक्त तारीख तक पंचायतों में बोर्ड गठन की प्रक्रिया समाप्त कर ली जाए। इस निर्देश के जारी होने के बाद से राज्य में दलबदल का खेल भी शुरू हो गया है। राज्य के कई इलाकों में यह आरोप लगाये जा रहे हैं कि विपक्षी पार्टी के निर्वाचित सदस्यों पर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। उन्हें डराया-धमकाया जा रहा है।