West Bengal violence: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को पश्चिम बंगाल में हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करने के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया। कमेटी में बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद, डॉ. सत्यपाल सिंह, डॉ. राजदीप रॉय और रेखा वर्मा का नाम है। यह चारों लोग बंगाल के जिन क्षेत्रों में हिंसा हुई वहां का दौरा कर एक रिपोर्ट तैयार करेंगे। यह घटनाक्रम पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस और गृह मंत्री अमित शाह की बैठक से कुछ घंटे पहली हुआ है। कमेटी उन हिंसक घटनाओं पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। जिनकी कई राजनीतिक दलों ने कड़ी आलोचना की है। साथ ही राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए।

इस बीच, भाजपा नेता और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शनिवार को बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी। भाजपा में शामिल हुए पूर्व टीएमसी नेता ने कहा कि उन्हें इस बात की परवाह नहीं है कि दिल्ली के लोग क्या सोचते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि राष्ट्रपति शासन ही हिंसक घटनाओं का एकमात्र समाधान है। पश्चिम बंगाल में कई जिलों में हुई हिंसक घटनाओं में कम से कम 18 लोगों की मौत हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हिंसा में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के 10 कार्यकर्ता, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के तीन-तीन और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (सीपीआई-एम) के दो-दो सदस्य मारे गए। जिसकी कानून व्यवस्था के मुद्दे पर कड़ी आलोचना हो रही है।

पश्चिम बंगाल के 19 जिलों के 696 बूथों पर सोमवार को फिर से मतदान हुआ। जहां पंचायत चुनाव में हुई हिंसा को लेकर मतदान को कैंसिल कर दिया गया था। हालांकि आज किसी बड़ी घटना की सूचना नहीं है। बता दें, मतपेटियों के साथ छेड़छाड़ के आरोपों और हिंसा में 18 लोगों की मौत के बाद राज्य चुनाव आयोग ने रविवार शाम को पुनर्मतदान का आदेश दिया था।

वहीं पंचायत चुनाव के दिन यानी शनिवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने पूरे दिन राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति का जायजा लिया था। इसके बाद बोस ने पश्चिम बंगाल चुनाव की एक गंभीर तस्वीर पेश की। बोस ने कहा था कि उन्होंने अपने दौरे के दौरान जो कुछ भी देखा वो बहुत परेशान करने वाला है। हम हिंसा और हत्या को देख रहे हैं। हमें गरीबी को खत्म करना चाहिए, इसके बजाय हम गरीबों को खत्म कर रहे हैं। यह वह नहीं है जो बंगाल चाहता है।

राज्यपाल ने कहा था कि समाज में शांति की कमी अगली पीढ़ी को प्रभावित करेगी। राजनीति होनी चाहिए, लेकिन मैं हिंसा को राजनीति के दायरे से बाहर निकालना चाहता हूं। मेरी हिंसा और आपकी हिंसा नाम की कोई चीज नहीं है। हिंसा तो हिंसा है।

सीवी आनंद बोस ने कहा कि उन्होंने राज्य के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है जहां की स्थिति ठीक नहीं है। हिंसा के अपराधी हत्या, भुखमरी, गोलियां चाहते हैं। हमें युद्ध छेड़ने के बजाय शांति कैसे कायम की जाए, इसको सीखना चाहिए। बोस ने कहा कि मुझे बताया गया कि राज्य में हत्याएं हो रही हैं, गोलियों की आवाज़ सुनाई दे रही है, लोगों को पीट-पीटकर मार दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि खून-खराबा वाला एक भी मामला हम सभी के लिए चिंता का विषय होना चाहिए। यह लोकतंत्र के लिए सबसे पवित्र दिन है। जहां हर आम आदमी को संविधान के अनुसार वोट देने का अधिकार दिया जाता है।