पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के साथ उत्पीड़न और अत्याचार के खिलाफ विरोध तेज होता जा रहा है। पिछले एक हफ्ते से वहां आंदोलन चल रहा है। पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम कथित राशन घोटाले की जांच के सिलसिले में शाहजहां के आवास पर छापेमारी करने गई थी। इस दौरान भीड़ ने उन पर हमला कर दिया था। वह पिछले महीने से फरार हैं। इस बीच गुरुवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (National Commission for Scheduled Castes – NCSC) के अध्यक्ष अरुण हलदर और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य अंजू बाला पीड़ितों से मिलने संदेशखाली पहुंचे।
विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
उधर, पश्चिम बंगाल के विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी और पार्टी के अन्य नेताओं ने कोलकाता में विधानसभा से बीजेपी नेताओं के निलंबन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। बीजेपी के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि वह संदेशखाली में मार्च निकालेंगे। वहां टीएमसी नेताओं के कथित तौर पर गांव वालों पर अत्याचार के खिलाफ बीते कई दिनों से प्रदर्शन चल रहा है।
संदेशखाली क्षेत्र और उसके आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता ने मीडिया से कहा, ”मैंने सोमवार को घोषणा की थी कि 15 फरवरी को स्थानीय लोगों से मिलने के लिए संदेशखाली ब्लॉक जाऊंगा। पुलिस को मुझे रोकने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।” बीजेपी और अन्य विपक्षी कार्यकर्ताओं को क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने के लिए संदेशखाली क्षेत्र और उसके आसपास भारी पुलिस दल तैनात किया गया है।
इस दौरान राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष अरुण हलदर ने मीडिया से कहा, ”मुझे संदेशखाली के बारे में रिपोर्ट मिली है। बहुत से लोग बहुत कुछ कहना चाहते थे लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया। आयोग के सदस्य और मैं यहां उनकी बातों को सुनने आए हैं। मैं उनकी बात सुनूंगा और सरकार को रिपोर्ट दूंगा। यह एक संवैधानिक संस्था है, राजनीतिक संस्था नहीं…कल सुबह 11 बजे राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजूंगा।”
आयोग की सदस्य अंजू बाला ने सीएम ममता बनर्जी पर निष्क्रियता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ”सीएम ममता बनर्जी कुछ भी खुलासा नहीं करना चाहतीं, वह महिलाओं पर अत्याचार की एफआईआर दर्ज नहीं करतीं…देश उन्हें माफ नहीं करेगा। हम चाहते हैं राष्ट्रपति शासन लगाया जाएगा, क्योंकि यहां लोग बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं…।”
उन्होंने मीडिया से कहा, “यह एक शर्मनाक घटना है कि आज के समय में भी महिलाओं के साथ ऐसा कुछ हो सकता है…राज्य की सीएम एक महिला हैं। नाम ममता रखती है लेकिन दिल में ममता नाम की चीज़ नहीं है’…।”
इस दूसरी तरफ यूपी के पूर्व डीजीपी और राज्यसभा सांसद बृजलाल का कहना है, “बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मेरे सहित 2 केंद्रीय मंत्रियों और 4 सांसदों के साथ एक फैक्ट फाइंडिंग टीम का गठन किया है। पश्चिम बंगाल में पूरी तरह से अराजकता है। ये सभी घटनाएं पूरी तरह से बांग्लादेशी अप्रवासियों द्वारा की जा रही हैं जिन्हें ममता बनर्जी ने वोट बैंक के रूप में वहां बसाया है। उन्हें राशन कार्ड और आधार कार्ड भी उपलब्ध कराए गए हैं। संदेशखाली इसी का परिणाम है।