पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक बड़ा निर्णय लिया है। कोर्ट ने हिंसा की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दी है। अपने फैसले में हाईकोर्ट ने कहा कि हत्या और दुष्कर्म के मामलों की जांच सीबीआई करेगी, वहीं अन्य मामलों की जांच विशेष जांच दल (SIT) करेगी।

कलकत्ता उच्च न्यायालय के इस फैसले से राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगेगा। कोर्ट ने कहा कि एसआईटी द्वारा की जाने वाली जांच की निगरानी सीबीआई करेगा। अदालत ने केंद्रीय एजेंसी को छह सप्ताह के अंदर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। एसआईटी में महानिदेशक (दूरसंचार) सुमन बाला साहू, कोलकाता पुलिस आयुक्त सौमेन मित्रा और रणवीर कुमार जैसे आईपीएस अधिकारी होंगे।

बता दें कि तीन अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने हिंसा से संबंधित जनहित याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाईकोर्ट ने संबंधित पक्षों से उसी दिन तक कोई अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने को भी कहा था।

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी पूछा था कि क्या 13 जुलाई को प्रस्तुत अंतिम एनएचआरसी रिपोर्ट में अतिव्यापी होने वाले किसी भी मामले में कोई स्वत: संज्ञान लिया गया था। मानवाधिकार आयोग की जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में ममता बनर्जी सरकार को दोषी माना था। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि दुष्कर्म व हत्या जैसे मामलों की जांच सीबीआई से कराई जाए और इन मामलों की सुनवाई बंगाल के बाहर हो।

मानवाधिकार आयोग ने हाई कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव के बाद की हिंसा के आरोपों की जांच के लिए एक पैनल का गठन किया था। आयोग ने यह आरोप लगाया था कि भारी जनादेश के साथ जीतने वाली टीएमसी ने आंखें मूंद लीं, जब उसके समर्थक भाजपा कार्यकर्ताओं से भिड़ गए और कथित तौर पर हिंसा को बढ़ावा दिया।