पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में आज हिंसा के कारण मतदान प्रक्रिया प्रभावित हुई। मतदान के दौरान झड़पों में कम से कम 10 लोग मारे गए। कूच बिहार में मतदान केंद्रों में तोड़फोड़ की गई और मतपत्रों में आग लगा दी गई। पंचायत चुनाव के दौरान कूच बिहार ज़िले में दिनहाटा के बारानाचिना में एक मतदान केंद्र पर कथित तौर पर फर्जी मतदान से नाराज मतदाताओं ने मतपेटी में आग लगा दी। वहीं, दिनहाटा के इंद्रेश्वर प्राथमिक विद्यालय में मतपेटी में पानी फेंके जाने के बाद मतदान स्थगित कर दिया गया।
- पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए शनिवार को मतदान जारी है और राज्य में शुक्रवार रात से लेकर अब तक हुई चुनाव संबंधी हिंसा में 10 लोग मारे गए हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मारे गए लोगों में टीएमसी के पांच सदस्य, भाजपा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस के एक-एक कार्यकर्ता और एक निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थक शामिल हैं। अधिकारियों के मुताबिक, हिंसक झड़पों में कई लोग घायल भी हुए हैं। इसके अलावा, कम से कम दो मतदान केंद्रों पर मतपेटियों को नष्ट कर दिया गया।
- आज सुबह 7 बजे जैसे ही मतदान शुरू हुआ, नादिया, मुर्शिदाबाद और मालदा जिले में अलग-अलग घटनाओं में तीन तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर हत्या कर दी गई। कूच बिहार में एक बीजेपी पोलिंग एजेंट की हत्या कर दी गई। पूर्वी बर्दवान जिले में कल शाम गंभीर रूप से घायल हुए एक सीपीआई (एम) कार्यकर्ता ने आज सुबह अस्पताल में दम तोड़ दिया। उत्तर 24 परगना के कदंबगाची में एक झड़प में एक स्वतंत्र उम्मीदवार का समर्थक गंभीर रूप से घायल हो गया। उसके परिवार ने दावा किया कि उस व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। हालांकि, बारासात जिले के पुलिस एसपी भास्कर मुखर्जी ने कहा कि उनकी हालत गंभीर है और अस्पताल में इलाज चल रहा है।
- अधिकारियों ने बताया कि राज्य के ग्रामीण इलाकों की 73,887 सीटों पर सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ और 5.67 करोड़ मतदाता लगभग 2.06 लाख उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। उन्होंने बताया कि दोपहर 11 बजे तक राज्य में 22.6 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
- भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को आरोप लगाया कि टीएमसी सरकार के राज में पश्चिम बंगाल लोकतंत्र में हिंसा का दुखद उदाहरण बन गया है। पंचायत चुनावों के दौरान हिंसा को लेकर टीएमसी पर निशाना साधते हुए भाजपा प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पश्चिम बंगाल कला, संस्कृति और विज्ञान का केंद्र हुआ करता था। अब उसे अपराधों, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और तुष्टिकरण के लिए जाना जाता है।
- पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने स्थिति का जायजा लेने के लिए विभिन्न जिलों में लोगों से मुलाकात की। हिंसक घटनाओं की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि इससे हम सभी को चिंता होनी चाहिए। यह लोकतंत्र के लिए सबसे पवित्र दिन है, चुनाव गोलियों से नहीं बल्कि मतपत्रों से होना चाहिए।
- सभी राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव संबंधी हिंसा में लोगों की मौत की निंदा की है। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया कि राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) ने कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं की।
- पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के लिए राज्य पुलिस के करीब 70,000 कर्मियों के अलावा केंद्रीय बलों की 600 कंपनियां तैनात की गई हैं। कांग्रेस नेता कौस्तव बागची ने कहा कि उन्होंने कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को एक अभ्यावेदन देकर उस याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया है, जिसमें पश्चिम बंगाल में शनिवार को हो रहे पंचायत चुनावों को हिंसा और हत्या की घटनाओं के कारण अमान्य घोषित करने का आग्रह किया गया है।
- समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री निशिथ प्रमाणिक को आज दिनहाटा में एक मतदान केंद्र के गेट पर कुछ देर के लिए रोका गया, जब वह अपना वोट डालने जा रहे थे। समाचार एजेंसी पीटीआई ने उनके हवाले से कहा, “हम पश्चिम बंगाल पुलिस से और क्या उम्मीद कर सकते हैं? अगर वे एक केंद्रीय मंत्री को वोट डालने से रोक सकते हैं, तो मैं कल्पना नहीं कर सकता कि आम लोगों पर क्या बीत रही होगी। बंगाल में कानून का शासन पूरी तरह से विफल हो गया है।”
- अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में शनिवार को हुए विस्फोट में दो बच्चे घायल हो गए, जब उन्होंने सड़क किनारे से एक देशी बम को गेंद समझकर उठा लिया। उन्होंने बताया कि यह घटना राज्य में पंचायत चुनाव के मतदान के बीच भांगोर में हुई। एक अधिकारी ने कहा कि दोनों बच्चों ने गलती से देशी बम को एक गेंद समझ लिया और जैसे ही उनमें से एक ने उसे छुआ, वह फट गया। सुरक्षा बलों को यह पता लगाने के लिए इलाके में भेजा गया कि क्या वहां और भी बम हैं।
- पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव पर बोलते हुए केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव की घोषणा का मतलब लोकतंत्र की हत्या की शुरुआत है। लोगों के साथ मारपीट, फायरिंग, बमबाजी और आगजनी आम बात हो गई है और ऐसे कई उदाहरण हैं। मंत्री ने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार में मतपेटियां लूट ली जाती हैं और लोकतंत्र को कुचल कर हत्या कर दी जाती है। ममता बनर्जी और टीएमसी नेता चुनाव जीतने के लिए किसी भी स्तर तक गिरने का काम करते हैं, लेकिन कांग्रेस और राहुल गांधी चुप रहते हैं। कांग्रेस ममता बनर्जी के साथ गठबंधन करना चाहती है? क्या राहुल गांधी कुछ बोलेंगे? ममता बनर्जी की ऐसी क्या मजबूरी है कि हर चुनाव में हत्या, हत्या और लोगों की हत्या होती है?