देशभर में कोरोनावायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अब तक देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 1300 के आंकड़े को पार कर चुकी है, जबकि संक्रमितों की संख्या भी 40 हजार के करीब है। कोरोना के खतरे से सिर्फ आम लोग ही नहीं बल्कि मरीजों के इलाज में जुटे डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्यकर्मी, पुलिसकर्मी और लोगों तक खबरें पहुंचा रहे पत्रकार भी खतरे में हैं। सरकार लगातार कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जुटे इन फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए योजनाओं का ऐलान कर रही है। केंद्र और हरियाणा सरकार के बाद अब पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने भी फ्रंटलाइन वर्कर्स का बीमा कराने का ऐलान किया है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को खुद ट्विटर पर आकर ऐलान किया कि उनकी सरकार COVID-19 का सामना कर फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए 10 लाख का बीमा करा रही है। इसमें पत्रकार भी शामिल होगे। ममता ने इस ट्वीट में प्रेस फ्रीडम डे हैशटैग का इस्तेमाल भी किया है। उन्होंने एक और ट्वीट में लिखा, “प्रेस लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। और इसे अपनी ड्यूटी बिना किसी डर के करनी चाहिए। हम समाज के प्रति पत्रकारों के योगदान का सम्मान करते हैं। हमारी सरकार ने पत्रकारों की भलाई के लिए कई इनीशिएटिव भी चलाए हैं।”

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इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी राज्य में पत्रकारों के कोरोनावायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद उनके लिए 10 लाख के इंश्योरेंस कवर का ऐलान किया था। बता दें कि हाल ही के दिनों में पत्रकारों को भी बड़े स्तर पर कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। मुंबई के 53 पत्रकारों के टेस्ट रिजल्ट एक साथ पॉजिटिव आए थे, जबकि तमिलनाडु और अन्य राज्यों में भी पत्रकारों को संक्रमित पाया गया था।

दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपील की है कि पुलिसकर्मियों, स्थानीय संस्थानों के अफसर और जिला प्रशासन के कर्मचारियों को भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत इंश्योरेंस स्कीम में शामिल किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि अभी सिर्फ स्वास्थ्यकर्मियों को ही इस पैकेज का हिस्सा बनाया गया है।