तृणमूल की अध्यक्ष फिर से निर्विरोध चुने जाने के बाद बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनका जनाधार लगातार बढ़ रहा है। अब गोवा में यूनिट है तो त्रिपुरा में उनका वोट बैंक 20 फीसदी हो चुका है। उनका कहना था कि अगले दो सालों में बंगाल को और मजबूत बनाकर 2024 में लोकसभा की सारी 42 सीटों पर जीत हासिल करेंगे। उसके बाद अपनी पहली वर्किंग कमेटी की बैठक वो राजधानी दिल्ली में करेंगी।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार को एक बार फिर निर्विरोध तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गईं। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने पांच साल के अंतराल के बाद अपने संगठनात्मक चुनाव कराए थे। पार्टी के महासचिव पार्थ चटर्जी के अनुसार, बनर्जी को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया, क्योंकि किसी अन्य नेता ने अपनी उम्मीदवारी पेश नहीं की थी।

ममता बनर्जी ने अध्यक्ष चुने जाने के बाद पार्टी नेताओं से भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने का आग्रह किया और अंदरूनी कलह के खिलाफ चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं कि पार्टी नेता और कार्यकर्ता वादा करें कि वे आपस में नहीं लड़ेंगे। अंदरूनी कलह बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पार्टी के भीतर गुटों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तृणमूल में कोई अलग समूह नहीं है। पार्टी एक संयुक्त समूह है।

संगठनात्मक चुनाव के निर्वाचन अधिकारी चटर्जी ने कहा कि ममता बनर्जी के पक्ष में कुल 48 प्रस्तावकों और समर्थकों ने नामांकन दाखिल किया। अध्यक्ष पद के लिए अन्य किसी ने नामांकन नहीं भरा था, ममता बनर्जी को फिर से निर्विरोध चुन लिया गया है। ममता बनर्जी ने 1998 में कांग्रेस से अलग होने के बाद पार्टी की स्थापना की थी और तब से वह इसका नेतृत्व कर रही हैं। उनका पार्टी पर लगभग एकाधिकार बना हुआ है।

ममता ने साल 2001 और 2006 के विधानसभा चुनाव में दो असफल प्रयासों के बाद, पार्टी 2011 वाम मोर्चे को मात देकर सत्ता में आई। पार्टी, राज्य विधानसभा की 294 सीटों में से 213 सीटें हासिल करने के बाद पिछले साल मई में लगातार तीसरी बार सत्ता में आई थी। उनकी इस जीत के मायने काफी बढ़े थे, क्योंकि मोदी-शाह की टीम ने अपनी सारी ताकत झोंक दी थी।