उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की वेबसाइट को कथित रूप से हैक करने और साइबर कैफे में हजारों फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनाने के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार व्यक्ति विपुल सैनी उसी पासवर्ड से चुनाव आयोग की वेबसाइट पर लॉग इन कर रहा था जिसका इस्तेमाल चुनाव आयोग के अधिकारी कर रहे थे।
चुनाव आयोग ने गड़बड़ी पर गौर किया और कई जांच एजेंसियों को मामले की सूचना दी थी। जिन्होंने सैनी के स्थान का पता लगाया और सहारनपुर पुलिस को सूचित किया। साइबर सेल और सहारनपुर क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने गुरुवार को सैनी को मछरहेड़ी गांव से गिरफ्तार किया। सैनी के पास कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए) में स्नातक की डिग्री है। पुलिस ने उसकी दुकान पर भी छापेमारी कर हार्ड ड्राइव और कंप्यूटर जब्त किए हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक सैनी के बैंक खाते में लाखों रुपये की बड़ी रकम भी पाई गयी है।
सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) एस. चनप्पा ने कहा, “अभी तक, हम यह नहीं कह सकते कि वह इन कार्डों को क्यों बना रहा था या किस उद्देश्य से इस्तेमाल किया जा रहा था। मामले में अभी आगे जांच की जानी बाकी है।”
पूछताछ में सैनी ने मध्य प्रदेश के हरदा जिले के रहने वाले अरमान मलिक को भी अपना साथी बताया है। दिल्ली में जांच एजेंसियां अब कोर्ट के जरिए सैनी की रिमांड हासिल करेंगी।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया : मामले में चुनाव आयोग ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा,” कुछ मीडिया साइटें ईसीआई साइट से डेटा नियमों के उल्लंघन की रिपोर्ट कर रही हैं। सहायक मतदाता सूची अधिकारी (एईआरओ) को मतदाता पहचान पत्र की छपाई और समय पर वितरण सहित नागरिक-केंद्रित सेवाएं प्रदान करने का काम सौंपा गया है।”
आयोग ने कहा, ‘AERO कार्यालय में से एक के डाटा एंट्री ऑपरेटर ने कुछ वोटर आईडी कार्ड प्रिंट करने के लिए सहारनपुर के नकुड़ उप-मंडल में एक निजी अनधिकृत सेवा प्रदाता के साथ अपना यूजर आईडी पासवर्ड अवैध रूप से साझा किया था। इन दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। ECI डेटाबेस बिल्कुल सुरक्षित है।’