राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के दूसरे सरसंघचालक परम माधव सदाशिव गोलवलकर की पुण्यतिथि पर बीजेपी के कई नेताओं ने उन्हें याद किया है। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा- द्वितीय सरसंघचालक, राष्ट्रऋषि, परम श्रद्धेय श्री माधव सदाशिव गोलवलकर – ‘श्री गुरुजी’ को उनकी पुण्यतिथि पर कोटिशः नमन। केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्वीट करते हुए लिखा श्री माधव गोलवलकर जी को मेरी तरफ से श्रद्धांजलि। वे हमारे लिए आदर्श थे और उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी हमें प्रेरणा दी।
केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने ट्वीट किया महान दूरदर्शी गुरु को मेरी तरफ से श्रद्धांजलि, जिन्होंने खुद को एकता, अखंडता और राष्ट्र के गौरव के लिए समर्पित कर दिया। संघ ने भी माधव जी की पुण्यतिथि पर उनको श्रद्धांजलि दी। बड़े-बड़े लोगों के अलावा माधव जी को कई लोगों ने श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें अपना आदर्श बताया।
आपको बता दें कि गोलवलकर को लोग गुरु जी के नाम से भी संबोधित करते हैं, क्योंकि कॉलेज समय में वे बड़ी दाढ़ी रखते थे और अपने साथियों को अध्यातम के बारे में बताते थे।
उनका जन्म 19 फरवरी, 1906 में हुआ था और उनकी मृत्यु 5 जून, 1973 में हुई थी। वह महाराष्ट्र के नागपुर के रहने वाले थे। उनके पिता जी की नौ संतानेेंं थींं। इन सबमें माधव की ही पढ़ाई में रुचि ज्यादा थी। जब वे दो साल के थे तभी उनके पिता जी ने उनकी शिक्षा प्रारंभ करा दी थी।
साल 1919 में माधव ने हाई स्कूल की परीक्षा में स्कॉलरशिप प्राप्त की थी। इसके बाद उन्होंने विश्वविद्यालय में दाखिला लिया, जहां पर उनका अध्यात्म की और ज्यादा झुकाव हुआ।
वह बीएचयू के संस्थापक मदन मोहन मालवीय जी से काफी प्राभावित थे। बीएचयू में वह तीन साल तक जूलॉजी के प्रोफेसर भी रहे।
.@RSSorg के द्वितीय सरसंघचालक, राष्ट्रऋषि, परम श्रद्धेय श्री माधव सदाशिव गोलवलकर – 'श्री गुरुजी' को उनकी पुण्यतिथि पर कोटिशः नमन। pic.twitter.com/mOE57s41ma
— Vasundhara Raje (मोदी का परिवार) (@VasundharaBJP) June 5, 2017
1936 में गोलवलकर ने आरएसएस के लिए काम करना शुरु किया और दीक्षा ली। 1939 में उन्हें आरएसएस का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया था। इसके बाद 1940 में वे संघ के द्वितीय सरसंघचालक बन गए।