उत्तरकाशी सुरंग हादसे का आज 10वां दिन है। सोमवार को रेस्क्यू टीम को एक बड़ी सफलता मिली, जब एक 6 इंच के पाइप को अंदर पहुंचाया गया। इस पाइप के जरिये अब मजदूरों तक जरूरी चीजें जैसे खाना, दवाई, मोबाइल, चार्जर पहुंचाई जाएंगी। पाइप के माध्यम से आज मजदूरों को पहली बार गर्म खाना पहुंचाया गया है।

आइये जानते हैं इस घटना की पूरी टाइमलाइन

  1. 12 नवंबर यानी दिवाली के दिन ये हादसा हुआ और सिल्क्यारा सुरंग ढह गई थी। इस दौरान यहां काम कर रहे 41 मजदूर अंदर फंस गए थे। इसी दिन से राहत बचाव कार्य शुरू हुआ।
  2. इसके बाद मलबे को रोकने के लिए 13 नवंबर को कंक्रीट लगाया गया, ताकि मजदूर सुरक्षित रहे। साथ ही 25 मीटर तक की मिटटी हटाई गई। शुरू में खाना भेजने को कोई व्यवस्थित तरीका नहीं था तो इन्हें लिक्विड पहुंचाया गया।
  3. 14 नवंबर तक जब सफलता हाथ नहीं लगी तो छोटी मशीन से मलबे में ड्रिल किया गया। इसी दौरान स्टील पाइप से रेस्क्यू प्लान बना लेकिन ये भी काम नहीं आया।
  4. 15 नवंबर को ऑगर ड्रिलिंग मशीन टनल में पहुंची। दिल्ली से ऑगर मशीन के पार्ट्स मंगवाए गए, ताकि मजदूरों को सुरक्षित निकाला जाये। इसके बाद 16 नवंबर को ड्रिल के जरिए पाइप मलबे में डाला गया। इसके लिए हाई कैपेसिटी की अमेरिकी मशीन मंगवाई गई।
  5. इसके बाद 17 नवंबर को फंसे लोगों को निकालने के लिए सर्वे किया गया और फिर अमेरिकी मशीन से अंदर दोबारा ड्रिलिंग शुरू हुई। हालांकि ये सफल नहीं हुआ। फिर 18 नवंबर को इंदौर से नई ऑगर मशीन एयरलिफ्ट की गई। लेकिन ड्रिलिंग के दौरान फिर मलबा गिर गया और ड्रिलिंग रोक दी गई।
  6. 19 नवंबर को नए सिरे से ड्रिलिंग का काम शुरू हुआ। टनल के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग करने की कोशिश शुरू की गई। इस काम के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और बीआरओ ने मोर्चा संभाला।
  7. 20 नवंबर को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी घटनास्थल पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। साथ ही पूरे मामले की जानकारी दी।
  8. सोमवार को सिल्क्यारा टनल में रेस्क्यू टीम को एक 6 इंच का पाइप मलबे के आर-पार करने में सफलता मिली है। इस पाइप के जरिए मजदूरों को रोटी-सब्जी और अन्य खाद्य आहार भेजे जा रहे हैं। अब तक 4 इंच की पाइप से हल्की खाद्य भेजी जा रही थी।
  9. मंगलवार सुबह मजदूरों को 6 इंच की पाइप के माध्यम से नाश्ता भेजा गया। इसके अलावा दोपहर का खाना भी इसी से भेजा जायेगा। पाइप लगने के बाद अंदर फंसे श्रमिकों को भोजन, मोबाइल, चार्जर और अन्य आवश्यक सामान भेज सकते हैं।
  10. मंगलवार को देश ने राहत की सांस तब ली, जब मजदूरों की पहली तस्वीर सामने आई। तस्वीर में साफ़ देखा जा सकता है कि मजदूर सुरक्षित हैं लेकिन परेशान हैं। रेस्क्यू टीम ने एंडोस्कोपिक कैमरे के माध्यम से ये तस्वीरें ली हैं।