योग गुरू के रूप में मशहूर और ट्रस्ट के जरिए बड़ा कारोबार चलाने वाले बाबा रामदेव ने कहा है कि वह कांग्रेस को एक दिन में बर्बाद करा सकते हैं और उन्हें बगावत करानी होगी तो वह राष्ट्रीय कांग्रेस में कराएंगे, राज्य (उत्तराखंड) कांग्रेस में नहीं। रामदेव ने एक टीवी चैनल से बातचीत में अपने ऊपर लगे आरोपों की सफाई देते हुए यह बात कही। कांग्रेस ने उन पर आरोप लगाया है कि उत्तराखंड में पार्टी में बगावत के पीछे उन्हीं का हाथ है। उन्होंने कहा, ‘ये सच है कि कांग्रेस में कुछ लोग अच्छे हैं। अगर उन्हें मैं उकसाऊं तो कांग्रेस को एक दिन में बर्बाद करा दूं। मुझे बगातव करानी होगी तो नेशनल कांग्रेस में कराऊंगा, स्टेट कांग्रेस में क्यों कराऊंगा।’
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उत्तराखंड कांग्रेस ने योगगुरु बाब रामदेव पर आरोप लगाया था, ‘उन्होंने भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिल कर उत्तराखंड की हरीश रावत सरकार को गिराने की साजिश की है। रावत सरकार को गिराने के सिलसिले में स्वामी रामदेव ने हरिद्वार जिले के दो कांग्रेसी विधायकों से कई बार मुलाकात की। आखिरकार इन दोनों कांग्रेसी विधायकों को भाजपा खेमे में शामिल करवाने में स्वामी रामदेव सफल रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर स्वामी रामदेव और अमित शाह ने उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची है। ‘
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कांग्रेस ने धमकी भी दी थी कि अगर उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगा तो कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट जाएगी। वहीं उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस करके रावत सरकार को गिराने की साजिश में योगगुरू रामदेव के शामिल होने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि धन-बल के बूते रावत सरकार को गिराने की साजिश रची गई। एक संत का इस तरह से राजनीति में हस्तक्षेप करना चिंता का विषय है। साथ ही उपाध्याय ने हरिद्वार के साधु-संतों से अपील की कि स्वामी रामदेव की रावत सरकार को गिराने की साजिश के खिलाफ वे खुल कर सामने आएं।
साथ ही उन्होंने कहा था कि स्वामी रामदेव का जो पतंजलि मेगा फूडपार्क और योग का जो तामझाम खड़ा है, वह सब केंद्र में दस साल रही कांग्रेस गठबंधन वाली यूपीए सरकार की ही देन है। कांग्रेस के बागी विधायकों की तरह ही स्वामी रामदेव ने कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपा है।
