उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार (17 दिसंबर, 2019) को उस वक्त बहुत ही दुर्लभ नजारा देखने को मिला जब भाजपा विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। दरअसल सदन में एक भाजपा विधायक ने प्रशासन द्वारा कथित तौर पर खुद के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए मामला पीठासीन अध्यक्ष के समक्ष उठाने की मांग की, मगर उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली। इससे अन्य भाजपा विधायक खासे नाराज हो गए।

गाजियाबाद के लोनी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक नंद किशोर गुज्जर का आरोप है कि सरकार में कुछ अधिकारियों द्वारा उन्हें परेशान किया गया। इसपर उन्होंने उन अधिकारियों को समन भेजने की मांग की। हालांकि इस बीच संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना और अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बाद में इस मुद्दे को उठाने के लिए समझाने की कोशिश की, क्योंकि उन्होंने पूर्व में इसकी जानकारी नहीं दी थी। इस बीच भाजपा विधायकों की एक बड़ी संख्या के साथ सपा और कांग्रेस विधायकों ने मांग की कि उनकी शिकायत सुनी जाए।

उल्लेखनीय है कि सदन की कार्यवाही में बार स्थगन के बाद अध्यक्ष ने कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी, क्योंकि ट्रेजरी वर्ग के विधायक और विपक्ष लगातार मांग करता रहा कि लोनी के विधायक की बात को सुना जाए। कार्यवाही स्थगन के बाद भी कुछ भाजपा, एसपी और कांग्रेस विधायक अपनी सीटों पर बैठे रहे। उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और मंत्री खन्ना ने उन्हें कई बार समझाने की कोशिश की मगर कोई फायदा नहीं हुआ।

हालांकि देर शाम वरिष्ठ मंत्रियों, विधायकों और अध्यक्ष की मीटिंग के बाद गतिरोध थम सका। सभी ने निजी तौर पर विधायक से वादा किया कि वो मामले में हस्तक्षेप करेंगे। अब विधायक ने कहा कि वो बुधवार यानी 18 दिसंबर तक का इंतजार करेंगे और अगर बात नहीं सुनी गई तो दोबारा प्रर्दशन शुरू करत देंगे।

बता दें कि विधायक ‘जीरो ऑवर’ शुरू होने के बाद प्रदर्शन करने लगे। इस वक्त विपक्षी पार्टियां (कांग्रेस, बीएसपी और एसपी) ने सदन में नए संशोधित नागरिकता कानून 2019 का मुद्दा उठाया और इस कानून को वापस लिए जाने का प्रस्ताव सदन में पास किए जाने की मांग की, क्योंकि बिल अशांति पैदा करेगा।

इसी बीच किशोर अपनी सीट से खड़े हुए और कहा कि उनकी जिंदगी को खतरा है। इसलिए वो खुद को निजी तौर पर सताए जाने का मुद्दा सदन में उठाना चाहते हैं। दरअसल लोनी विधायक को राज्य भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने स्थानीय फूड इंस्पेक्टर से कथित तौर पर बुरे बर्ताव के लिए उन्हें नोटिस भेजा था। इसके अलावा उनके खिलाफ एक एफआईआर भी दर्ज की गई।