यूपी विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही राज्य में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। सत्तारूढ़ भाजपा आशीर्वाद लेने के लिए लोगों तक पहुंच रही है, वहीं समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी जैसी पार्टियां फिर से लोगों के बीच विश्वास बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं। इस बीच समाजवादी पार्टी का गढ़ कहे जाने वाले मैनपुरी का नाम बदलने की कवायद भी शुरू हो गई है। गौरतलब है कि सपा संरक्षक और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव इस समय इस सीट से सांसद हैं।

जिला पंचायत की बैठक में मैनपुरी का नाम बदलकर मयन नगर करने का प्रस्ताव रखा गया है, लेकिन आम सहमति नहीं बन पाई है। हालांकि इस विषय पर अगली बैठक में चर्चा होनी है और अगर प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो यह मांग राज्य सरकार को भेजी जा सकती है। पहली बैठक सोमवार को पंचायत अध्यक्ष अर्चना भदौरिया के नेतृत्व में हुई, जिसमें जिला पंचायत के सदस्य भी मौजूद रहे। इस बैठक में मैनपुरी का नाम बदलने का प्रस्ताव आया था, लेकिन सदस्यों ने इस पर सहमति के लिए कुछ समय मांगा है, जिसके बाद इस प्रस्ताव को फिलहाल के लिए टाल दिया गया है।

शहरों और प्रमुख स्थानों के नाम लगातार बदले जा रहे हैं। इसी कड़ी में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया है। इसके साथ ही मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम भी दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर रखा गया है। इसी तरह पहले भी फिरोजाबाद का नाम बदलने की मांग उठ चुकी है।

मैनपुरी क्यों अहम है?: मैनपुरी को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है और पिछले दो दशकों से इस लोकसभा सीट से सपा प्रत्याशी जीतते आ रहे हैं। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव इस समय इस सीट से सांसद हैं और वे यहां से पहले भी 4 बार चुनाव जीत चुके हैं।

इसके अलावा मुलायम परिवार के धर्मेंद्र यादव और तेज प्रताप यादव भी मैनपुरी से सांसद रह चुके हैं। साथ ही मुलायम सिंह का पैतृक गांव सैफई भी यहां के काफी करीब है और जिले की सीमाएं इटावा और एटा से जुड़ी हुई हैं।