कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मदद उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी ली जा रही है, लेकिन इस फैसले से पार्टी के भीतर सब कुछ सही नहीं है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने यूपी में चुनावी जमीं तैयार करने के लिए प्रशांत किशोर को बुलाया है, लेकिन उनके इस फैसले के खिलाफ पार्टी में विरोध के स्वर मुखर हो गए हैं। यूपी चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति बनाने की जिम्मेदारी प्रशांत किशोर को दिए जाने के बाद रायबरेली-अमेठी में विरोध होने लगा है। अमेठी-रायबरेली के पार्टी नेताओं का कहना है कि वे प्रियंका गांधी के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ते आए हैं और उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेंगे। गौरतलब है कि अमेठी राहुल का और रायबरेली सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र है।

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प्रशांत किशोर ने चुनाव के लिए कांग्रेस की रणनीति बनाने के लिए दस मार्च को जिला पार्टी प्रमुखों की एक बैठक की थी। इस बैठक में सभी को अपने-अपने क्षेत्र से 20-20 वॉलियंटर्स के नाम भेजने के लिए कहा गया था। यूपी के सभी क्षेत्रों से वॉलियंटर्स के नाम आ गए, लेकिन अमेठी और रायबरेली से कोई नाम नहीं आया। अमेठी और रायबरेली के कांग्रेस नेताओं का कहना है कि हमारी जिम्मेदारी प्रियंका गांधी ही तय करेंगी, जैसा वो कहेंगी वैसे ही हम चुनाव लड़ेंगे। अभी तक सब फैसले दिल्ली नेतृत्व द्वारा किए जाते रहे हैं। इन दोनों क्षेत्रों में यूपी कांग्रेस का कभी हस्तक्षेप नहीं रहा।

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