उत्तर प्रदेश चुनाव की तारीखों का ऐलान होने से पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से अनोखी डिमांड कर डाली। सपा चीफ ने कहा कि कोविड के मद्देनजर वर्चुअल रैली करने के लिए आयोग राजनीतिक दलों को आर्थिक सहायता मुहैया कराए। उनका कहना है कि बीजेपी के पास मजबूत डिजीटल प्लेटफार्म मौजूद है। जबकि दूसरे दलों के पास ऐसी व्यवस्था नहीं है। लिहाजा आयोग उन्हें पैसा दे जिससे वो भी बीजेपी के जैसा सिस्टम बनाकर डिजीटल प्रचार कर सकें।

अखिलेश ने आयोग से अपील की कि वो हेट स्पीच पर कड़ी निगाह रखे। बीजेपी के नेता वोट के लिए समाज में घृणा फैलाने का काम कर रहे हैं और आगे भी करेंगे। सोशल मीडिया पर अपनी फोटो के दुरुपयोग का आरोप लगाकर पूर्व सीएम ने कहा कि अमित मालवीय नाम का शख्स ये काम कर रहा है। ये बीजेपी की आईटी सेल की चीफ है और केंद्र व राज्य सरकार के इशारे पर उनकी तस्वीर ऐसे व्यक्ति के साथ दिखा रहा है जिस पर केंद्रीय एजेंसियों ने रेड की थी। हम इसके खिलाफ केस दर्ज कराने जा रहे हैं। हमारी सरकार बनी तो इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सरकारी पैसे का दुरुपयोग करके हमारे खिलाफ गलत प्रचार किया जा रहा है। सपा की सरकार बनने पर इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा।

चुनावों को धार्मिक रंग देने वालों पर हो एक्शन: मायावती</strong>

उधर, बसपा अध्यक्ष मायावती ने विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित होने के एक दिन बाद रविवार को निर्वाचन आयोग से अनुरोध किया कि वह चुनावों को धार्मिक रंग देकर स्वार्थ की संकीर्ण राजनीति करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए। बसपा प्रमुख ने कहा कि आयोग आदर्श आचार संहिता को पूरी सख्ती से लागू कराने के लिए ठोस कदम उठाए। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में चुनावों के दौरान हर प्रकार की धांधली करने तथा सत्‍ता एवं धर्म का चुनावी लाभ लेने के लिए अनुचित काम करने की प्रवृत्ति काफी घातक रूप में बढ़ी है।

मायावती ने कहा कि पिछले कुछ चुनावों में कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच भी जिस प्रकार से रैलियों एवं रोड शो आदि के जरिये आचार संहिता का खुला उल्लंघन किया गया है, उससे पूरा देश हैरत में है। पिछले कुछ वर्षों से चुनावों को धार्मिक रंग देकर जिस प्रकार से स्वार्थ की संकीर्ण राजनीति की जा रही है, उस पर भी आयोग एक्शन ले। उन्‍होंने कहा कि इस चुनाव में भाजपा सत्‍ता से बाहर हो जाएगी, बशर्ते सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग व वोटिंग मशीन से गड़बड़ी नहीं की जाए।