कोरोना वायरस संकट को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि वह और उनकी पूरी टीम संक्रमित होने के बाद भी दायित्वों से भटके नहीं और लोगों से जुड़े रहे, जबकि संक्रमण काल में विपक्ष ने जनता को उसके हाल पर छोड़ दिया था। विपक्षी नेता खुद क्वारंटीन हो घर पर बैठ गए थे।
शनिवार (सात अगस्त, 2021) को योगी लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में हुए ग्राम प्रधानों, जिला पंचायत सदस्यों के सम्मेलन में जहां उन्होंने विपक्ष को जमकर आड़े हाथों लिया। कहा- कोरोना संकट काल में सभी विपक्षी नेता जनता को उसके हाल पर छोड़कर खुद घरों में आइसोलेट हो लिए थे।
वहीं, हिंदी न्यूज चैनल “आज तक” के कार्यक्रम पंचायत आज तक यूपी में सीएम ने बताया, “महामारी के दौर की परिस्थितियों का सामना करते हुए मैं, मेरी टीम और पूरा कार्यालय संक्रमण की चपेट में आ गए थे। चीफ सेक्रेट्री और डीजीपी…सब इसकी जद में आ गए थे। उन हालात में भी हम अपने दायित्व नहीं भूले। खुद को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया। मैं और मेरी पूरी टीम वर्चुअली उस दौरान जनता से जुड़े रहे और मैं एक-एक चीज की समीक्षा लेता था। हालांकि, उस दौरान कार्यक्रम कम देर के लिए होता था, पर अपना अभियान जारी रखा।”
योगी ने आगे स्वीकारा कि यूपी में ऑक्सीजन की किल्लत थी। बकौल यूपी सीएम, “ऑक्सीजन की कमी थी, पर यह भी देखना चाहिए कोरोना की दूसरी लहर के दौरान यूपी की 24 करोड़ की आबादी को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिल रही थी, जबकि दिल्ली की आबादी है पौने दो करोड़। उन्हें 800 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिल रही थी।” दोनों सूबों की इस मामले में तुलना कराते हुए वह आगे बोला- हमने पहले दिन से अपनी ऑक्सीजन की ऑडिट कराई।
सोशल मीडिया पर योगी अपने इसी बयान (विपक्ष जनता को छोड़ घर में बैठ गया) की वजह से ट्रोल किए गए। पत्रकार अजीत अंजुम ने विपक्ष के उन नेताओं को टैग करते हुए ट्वीट किया, जिन्होंने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान विभिन्न तरीकों से आम लोगों की मदद (ऑक्सीजन, प्लाजमा, ब्लड, दवा, इंजेक्शन और बेड आदि) की थी। अंजुम ने इसी संदर्भ में तंज कसते हुए लिखा, “जी जी जी। हम दिल्ली से देख रहे थे कि कौन घरों में था और कौन दिन-रात मदद में जुटा था। श्रीनिवास बीवी, दिलीप कुमार पांडे, दीपेंद्र हुड्डा और मुकेश शर्मा सरीखे विपक्षी नेता दिन रात लोगों की मदद में लगे थे। सरकार परस्त मीडिया वाले भी सत्ताधारी नेताओं के बजाय इनसे ही मदद मांग रहे थे।”
जी जी जी
हम दिल्ली से देख रहे थे कि कौन घरों में बैठा था और कौन दिन- रात मदद में जुटा था . @srinivasiyc @dilipkpandey @DeependerSHooda @MukeshSharmaMLA जैसे विपक्षी दिन रात लोगों की मदद में जुटे थे.सरकार परस्त मीडिया वाले भी सत्ताधारी नेताओं की बजाय इनसे ही मदद माँग रहे थे https://t.co/yfTOBwXqTd— Ajit Anjum (@ajitanjum) August 8, 2021
प्रचार मंत्री……… महंगाई, बेरोजगारी, कालाधन, बुलेट ट्रेन, स्मार्टसिटी, जासूसी पर क्यू नही बोलते ? कही भूले तो नही ? pic.twitter.com/FtBM1KD3ub
— RAJA CHATTERJEE (@RAJACHA24697236) August 8, 2021
@RamPalMaurya11 ने तंज कसा और लिखा, “सुना है झूठ बोलने की बीमारी कोई रोकने के लिए वैक्सीन आम जनता बना चुकी है जिसकी 2022 में चुनाव के समय जनता नेताओं को वोटिंग मशीन द्वारा बटन दबाकर मुहैया कराएगी।”
@aauattweeter ने पूछा, “अंजुम के लॉजिक के हिसाब से अगर विपक्ष सत्ता में आता है, तब राहुल, सोनिया और प्रियंका पीएम पद नहीं लेंगे या फिर यूपी में अखिलेश, मायावती सीएम बने बनेंगे, बल्कि श्रीनिवास, दिलीप बनेंगे। क्या मैं सही हूं मिस्टर मोदी विरोधी?”
https://t.co/fZ3d1klGTT
bechaare modi k chakkar galiyan kha rha— Sports Lover (@PasiSamaj31436) August 8, 2021
@Dankapati ने लिखा, “झूठ बार-बार बोलो तो सच हो जाता है। ये इस थ्योरी पर काम करने लग गये हैं। सबसे पहले जेपी नड्डा (बीजेपी चीफ) ने शगूफा छोड़ा। अब इस बात को ये तब तक रटेंगे तब तक जनता यकीन न कर ले।”