पश्चिम बंगाल में चुनाव की तारीखें जैसे-जैसे करीब आ रही हैं, चुनावी माहौल भी गर्माता जा रहा है। आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं। नेताओं के चुनावी दौरों में भी भीड़ बढ़ती जा रही है। एक पार्टी से दूसरी पार्टी में नेताओं के आने जाने का सिलसिला भी बेरोकटोक जारी है। इस बीच बंगाल की सीएम और टीएमसी नेता ममता बनर्जी अपने चुनावी दौरे में मां दुर्गा की स्तुति करके आगे बढ़ रही हैं। दुर्गा स्तुति पढ़ रही है। आज तक न्यूज चैनल पर एंकर अंजना ओम कश्यप ने केंद्रीय विधि, इलेक्ट्रॉनिक्स,सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद से पूछा कि ममता बनर्जी कह रही है कि वह जय श्री राम नहीं कहेंगी, जो बीजेपी बोलवाती है, वह जय सिया राम कहेंगी।

इस पर रवि शंकर प्रसाद ने कहा, ममता जी को जानना चाहिए कि “जय श्री राम, जय सिया राम और जय श्री कृष्णा सब एक हैं।” उन्होंने कहा कि कि अच्छा लग रहा है सुनकर। यह वही ममता जी हैं, जिनके राज में दुर्गा मूर्ति की स्थापना के लिए कोर्ट से मंजूरी लेनी पड़ती थी। हनुमान जयंती पर लाठियां खानी पड़ती थी। यह वही ममता बनर्जी हैं, जहां सरस्वती पूजा करने पर मनाही थी। काली पूजा करने के लिए भी अनुमति की जरूरत पड़ती थी। अब वह खुद इसे कर रही हैं। पूजापाठ करके निकल रही हैं।

अगर ममता जी दुर्गा स्तुति का पाठ करके अपना नामांकन करने जा रही हैं या चुनावी दौरे पर जा रही हैं तो इसका मतलब है कि उनको भी समझ में आ गया है कि हवा किधर बह रही है। दबाव साफ दिख रहा है।

उन्होंने कहा कि चाहे जय श्री राम हो, चाहे जय सिया राम हो, चाहे जय श्री कृष्णा हो, चाहे जय हनुमान हो, चाहे जय मां काली हो या जय मां दुर्गा हो, यह तो हमारी संस्कृति है। कहा जय श्री राम तो अभिवादन का प्रतीक रहा है। लेकिन ममता जी के राज में दुर्गा पूजा के लिए हाईकोर्ट जाओ, सरस्वती पूजा के लिए हाईकोर्ट जाओ, हनुमान जयंती पर लाठी खाओ।

कहा कि चुनावों में देश की धर्म निरपेक्षता के भी मुद्दे आएंगे। देश के लोगों की भावनाओं के मुद्दे भी आएंगे और आज तो कुछ लोग बाटला हाउस के आतंकी को भी मुद्दा बना रहे हैं।