नागरिकता संशोधन कानून के विरोध को लेकर पिछले डेढ़ महीने से अधिक समय से दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे आंदोलन को खत्म करने के लिए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बातचीत की पहल की है। शनिवार (1 फरवरी 2020) को उन्होंने कहा कि वह युवाओं, महिलाओं और देश के हर नागरिक से बात करने को तैयार हैं, लेकिन टुकड़े-टुकड़े गैंग कोई बात नहीं करेंगे। कहा विरोध करने का अधिकार सभी को है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने की छूट नहीं दी जा सकती है।

इससे पहले शुक्रवार (31 जनवरी 2020) को उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वह बातचीत जरूर करेंगे लेकिन पहले प्रदर्शनकारियों को अपना आंदोलन बंद करना होगा। उन्हें सरकार के पास आकर बातचीत करनी होगी। कहा कि जब तक आप आंदोलन बंद नहीं करेंगे तब तक बातचीत संभव नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह तय रूपरेखा के तहत विरोध करने वालों से बातचीत करेंगे। उनकी सभी शंकाएं दूर करेंगे। उनके मन में कानून को लेकर जो भी आशंकाएं या भ्रम हैं, उसको साफ करना चाहते हैं। इसके लिए दोनों पक्षों को बातचीत की मेज पर आना चाहिए। सड़क पर आंदोलन करने से समस्या का कोई समाधान नहीं होगा। कहा कि शाहीन बाग में आंदोलन की वजह से लोगों को सिर्फ परेशानी हो रही है, कोई हल नहीं हो रहा है।

दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) को लेकर पिछले 15 दिसंबर से लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहा है। शाहीन बाग इलाके का मुख्य रास्ता बंद कर दिए जाने से हजारों लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल-कालेज जाने वाले बच्चों से लेकर कारोबारी तक सब परेशान हैं। लोगों को कुछ दूर जाने के लिए कई किमी तक चक्कर लगाकर जाना पड़ रहा है। इससे आर्थिक नुकसान भी हो रहा है।

विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में रविशंकर प्रसाद ने कहा कि “हम आलोचना का स्वागत करते हैं, लेकिन देश को बांटने वाली कोई भी आवाज या विचार मंजूर नहीं हैं।” उन्होंने कहा, सरकार ने बार-बार कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून भारत में रह रहे नागरिकों पर लागू नहीं होगा, लेकिन कुछ लोग इसको लेकर आम लोगों को बहका रहे हैं। उन्हें हिंसा के रास्ते पर ले जाने के लिए उकसा रहे हैं। इससे देश की कानून-व्यवस्था पर खतरा उत्पन्न हो रहा है।