केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल सोमवार को एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कुछ अफसरों और हिस्सा लेने वाले लोगों पर नाराज हो गए। गोयल के गर्म होने की वजह- ऑनलाइन मीट के दौरान इन लोगों द्वारा वीडियो का ऑप्शन ऑफ रखना था। ऐसे में उन्होंने दो टूक कहा कि कैमरा ऑन करें तो पता चले कि आप सच में वीसी में हैं।
दरअसल, यह वाकया तब का है, जब ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (बीआईएस) से जुड़ी शासन करने वाली परिषद को वह संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा- सीईओ, एफएसएसएआई हमसे जुड़े चुके हैं। अगर (सीईओ) आप अपना कैमरा ऑन कर लें, तो हमें पता चल सके कि आप वाकई में आ गए हैं या नहीं। आम तौर पर जो लोग ज्वॉइन करते हैं, उन्हें अपना वीडियो ऑन कर लेना चाहिए। अन्यथा, हमें पता ही नहीं लग पाएगा कि आप हैं भी या चले गए…पता नहीं क्यों (लोग) वीडियो का ऑप्शन ऑफ कर के रखते हैं…?”
गोयल के गर्म पारे का अंदाजा एक बात से भी लगाया जा सकता है, जो उन्होंने बीआईएस के डी-जी प्रमोद कुमार तिवारी से कही। तिवारी से वह बोले- जो लोग पिछली दो बैठकों में शामिल होने में असफल रहे उन्हें लिखित में सूचित कर दें कि अगर वे तीसरी मीटिंग में भी हाजिर न हुए, तो उन्हें परिषद की सदस्यता से से हटा दिया जाएगा।
गोयल मौजूदा समय में खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री हैं। वह इसके अलावा रेलवे और वाणिज्य मंत्री की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। डिजिटल तरीके से आयोजित इस बैठक में उन्होंने कहा- सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई), नए स्टार्टअप और महिला उद्यमियों के लिए उनके उत्पादों की गुणवत्ता के परीक्षण की लागत कम की जानी चाहिए। इससे वे अपने उत्पादों को प्रमाणित कराने व मानकों के अनुरूप बनाए जाने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
आधिकारिक बयान के अनुसार, बैठक में उन्होंने कहा कि मानकीकरण को लेकर देश के रुख में बदलाव की जरूरत है। मंत्री के मुताबिक, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीव्र आर्थिक वृद्धि के लिये तीन मंत्र… गति, कौशल और बड़े स्तर पर काम (स्पीड, स्किल और स्केल)…दिये हैं। अब इसमें चौथा… मानक को जोड़ने का समय है।’’ गोयल ने कहा कि मानकों के परीक्षण की लागत उल्लेखनीय रूप से कम की जानी चाहिए। यह व्यवस्था एमएसएमई क्षेत्र, स्टार्टअप के पहले कुछ साल और महिला उद्यमियों के लिये होनी चाहिए।’’ (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)