केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लखनऊ में आयोजित एक रैली में मंगलवार (21 जनवरी, 2020) को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के मुद्दे पर विपक्ष पर खूब निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि CAA पर विरोधी पार्टियां दुष्प्रचार करके भ्रम फैला रही हैं, इसीलिए भाजपा जन जागरण अभियान चला रही है, जो देश को तोड़ने वालों के खिलाफ जन जागृति का अभियान है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी CAA लेकर आए हैं और कांग्रेस, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, सपा प्रमुख अखिलेश, बसपा प्रमुख मायावती और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सभी इस बिल के खिलाफ भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बिल को लोकसभा में मैंने पेश किया है। मैं विपक्षियों से कहना चाहता हूं कि आप इस बिल पर सार्वजनिक रूप से चर्चा कर लो। ये अगर किसी भी व्यक्ति की नागरिकता ले सकता है, तो उसे साबित करके दिखाओ।
उन्होंने कहा कि सीएए पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव रटा रटाया वाक्य ना बोलें। उन्होंने कहा कि अखिलेश बाबू एंड कंपनी सुन लो, हमें जितनी गालियां देनी हैं दो, हमारी पार्टी को जितनी गालियां देनी हैं दो, मगर भारत माता के खिलाफ देश में नारे जो लगाएगा उसे जेल में डाला जाएगा।
शाह ने आगे कहा कि देश में CAA के खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा है, दंगे कराए जा रहे हैं। CAA में कहीं पर भी किसी की नागरिकता लेने का कोई प्रावधान नहीं है, इसमें नागरिकता देने का प्रावधान है। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यकों पर वहां अत्याचार हुए, वहां उनके धार्मिक स्थल तोड़े जाते हैं। वो लोग वहां से भारत आए हैं। ऐसे शरणार्थियों को नागरिकता देने का ये बिल है।’
#WATCH Union Home Minister Amit Shah in Lucknow: Modi ji #CAA lekar aaye, aur CAA ke khilaf, yeh Rahul baba and company, Mamata, Akhilesh ji, behen Mayawati, saari ki saari brigade CAA ke khilaf 'kau kau kau' karne lage. pic.twitter.com/xMys1yiu3J
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 21, 2020
रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि मैं वोट बैंक के लोभी नेताओं को कहना चाहता हूं, आप इनके कैंप में जाइए, कलतक जो सौ-सौ हेक्टेयर के मालिक थे वे आज एक छोटी सी झोपड़ी में परिवार के साथ भीख मांगकर गुजारा कर रहे हैं।
गृहमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के पाप के कारण धर्म के आधार पर भारत के दो टुकड़े हुए। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की संख्या कम होती रही। आखिर कहां गए ये लोग? कुछ लोग मार दिए गए, कुछ का जबरन धर्म परिवर्तन किया गया। तब से शरणार्थियों के आने का सिलसिला चल रहा है। पीएम मोदी ने वर्षों से प्रताड़ित लोगों को उनके जीवन का नया अध्याय शुरू करने का मौका दिया है। मैं आज डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है करे, CAA वापस नहीं होने वाला है।
अमित शाह ने कहा कि महात्मा गांधी जी ने 1947 में कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू, सिख भारत आ सकते हैं। उन्हें नागरिकता देना, गौरव देना, भारत सरकार का कर्तव्य होना चाहिए। शाह ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, ‘राजस्थान के पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा कि पाकिस्तान से आए हिंदुओं, सिखों को नागरिकता दी जाएगी। आप करो तो सही है और मोदी जी करें, तो विरोध करते हो।’
शाह के मुताबिक देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि केंद्रीय राहत कोष का उपयोग शरणार्थियों को राहत देने के लिए करना चाहिए। इनको नागरिकता देने के लिए जो जरूरी हो, करना चाहिए, लेकिन कांग्रेस ने कुछ नहीं किया।
गृहमंत्री ने जवाहलाल नेहरू विश्वविद्यालय पर कहा कि दो साल पहले JNU के अंदर देश विरोधी नारे लगे। मैं जनता से पूछने आया हूं कि जो भारत माता के एक हजार टुकड़े करने की बात करे उसको जेल में डालना चाहिए या नहीं? मोदी जी ने उनको जेल में डाला और ये राहुल एंड कंपनी कह रही है कि ये वाणी स्वतंत्रता का अधिकार है।