पश्चिम बंगाल में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के बाद राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को तलब किए जाने पर राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय पर हमला बोला और कहा कि भगवा दल ऐसी स्थिति उत्पन्न करने की कोशिश कर रहा है, जहां केंद्र सरकार राज्य से संबंधित मामलों में हस्तक्षेप कर सके।

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसदों सौगत रॉय और कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाया कि नड्डा के काफिले में ‘दोषी अपराधी’ और गुंडे थे तथा हिंसा भड़काने के गलत इरादे से उनके पास हथियार थे। बनर्जी ने कहा, ‘राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगने के लिए केंद्र सरकार पत्र भेजकर जो काम कर रही है, वह असंवैधानिक है। गृह मंत्रालय का मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को तलब करना अस्वीकार्य है। भाजपा और केंद्र सरकार द्वारा ऐसी स्थिति उत्पन्न करने का प्रयास किया जा रहा है जहां वे संघीय ढांचे में हस्तक्षेप कर सकें।’ बनर्जी ने कहा कि बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के भड़काऊ भाषणों से माहौल खराब हो रहा है। बनर्जी ने दावा किया कि नड्डा के साथ ‘दोषी अपराधी’ एवं भाजपा से जुड़े सशस्त्र लोग थे।

काफिले पर हमला मामले में सात गिरफ्तार
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर गुरुवार को हुए हमले के मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक, दक्षिण 24 परगना जिले में चार लोगों को फाल्ता थाना क्षेत्र तथा तीन लोगों को उश्ती थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। सातों व्यक्तियों को दंगा, लोकसेवक के काम में बाधा डालने सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है। हमले के बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ दो स्वत: संज्ञान मामले दर्ज किए गए थे।

‘आप राज्य के अधिकारियों के बगैर बैठक करें’
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें 14 दिसंबर को राज्य के अधिकारियों की मौजूदगी के बिना बैठक करने का अनुरोध करने का निर्देश दिया गया है। इस पत्र के जरिए उन्होंने परोक्ष तौर पर संकेत दिया कि वह महज राज्य सरकार के आदेश का पालन कर रहे हैं। नड्डा के काफिले पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कथित समर्थकों द्वारा हमले पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ की रिपोर्ट के बाद राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर स्पष्टीकरण के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंदोपाध्याय और डीजीपी वीरेंद्र को 14 दिसंबर को तलब किया है।

बंदोपाध्याय ने अपने पत्र में लिखा है, ‘पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को जेड श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के संबंध में घटनाओं समेत राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा के लिए 14 दिसंबर को दिन में सवा 12 बजे आपके (भल्ला के) कक्ष में बुलाया गया था।’ नड्डा के काफिले की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का जिक्र करते हुए बंदोपाध्याय ने कहा कि राज्य पूरी गंभीरता के साथ मुद्दे का समाधान कर रहा है।

उन्होंने दो पन्ने के अपने पत्र में कहा है, ‘राज्य सरकार इस मुद्दे के समाधान के लिए पूरी गंभीरता से काम कर रही है। इस संबंध में रिपोर्ट मंगाई जा रही है और यह तैयार की जा रही है, ऐसी परिस्थिति में मुझे आपसे यह अनुरोध करने का निर्देश दिया गया है कि कि राज्य के अधिकारियों की मौजूदगी के बिना बैठक करें।’

उन्होंने लिखा है, जेड श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त लोगों के संबंध में हुई घटनाओं की हम पड़ताल कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल पुलिस ने जेपी नड्डा को एक बुलेटप्रूफ कार और एक पायलट वाहन मुहैया कराया था। इसके अलावा जेड श्रेणी की सुरक्षा हासिल होने के कारण उनके साथ एक एस्कार्ट (राज्य का वाहन, सीआरपीएफ के कर्मी) और पीएसओ (सीआरपीएफ) भी थे। इलाके में तैनात रेंज के डीआइजी (पुलिस) ने निजी तौर पर व्यवस्था की निगरानी की। मार्ग और डायमंड हार्बर में आयोजन स्थल पर चार अतिरिक्त एसपी, आठ डीएसपी, 14 निरीक्षकों, 70 उपनिरीक्षकों, आरएएफ के 40 कर्मियों और सहायक बलों के 350 सदस्यों को तैनात किया गया था।