केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में दिल्ली हिंसा पर विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सुनियोजित थी और साजिश करने वाले दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं किसी निर्दोष को तकलीफ नहीं होने दी जाएगी। शाह ने बताया कि 27 फरवरी से लेकर अब तक दिल्ली हिंसा के अलग-अलग मामलों में 700 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और 2647 लोग हिरासत में या गिरफ्तार किए गए। इसके अलावा आर्म्स एक्ट के तहत 49 मामले दर्ज हुए। अब तक 153 हथियार जब्त किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि हिंसा के दौरान 371 दुकानें खाक हुईं।

शाह ने कहा कि दिल्ली हिंसा के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। फेस आइडेंटिफिकेशन के द्वारा सारे चहरे पहचानने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जब विपक्ष ने इस पर हंगामा किया तो शाह ने कहा- ये सॉफ्टवेयर है, धर्म नहीं देखता। उस सॉफ्टवेयर के अंदर हमने वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और भी सरकारी डेटा डाला गया है। इससे 1100 से ज्यादा लोग पहचाने जा चुके हैं, जिसमें 300 से ज्यादा उत्तर प्रदेश से थे।

शाह ने बताया कि दिल्ली हिंसा से ठीक पहले 22 फरवरी को सोशल मीडिया पर 60 अकाउंट खोलो गए। इन्हें चार दिन बाद यानी 26 फरवरी को बंद कर दिया गया। इन अकाउंट्स से नफरत फैलाने का काम हुआ। पुलिस इसके पीछे के लोगों को ढूंढ निकालेगी।

दिल्ली पुलिस ने अच्छे से निभाई अपनी भूमिकाः शाह ने कहा कि कि दिल्ली के कुल 203 थाने हैं और हिंसा केवल 12 थाना क्षेत्रों तक सीमित रही। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस की सबसे पहली जिम्मेदारी हिंसा को रोकने की थी। 24 फरवरी की दोपहर दो बजे हिंसा की पहली घटना की सूचना आई और 25 फरवरी को रात 11 बजे के बाद सांप्रदायिक हिंसा की कोई घटना नहीं घटी। हिंसा को रोकने में दिल्ली पुलिस की भूमिका की सराहना करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई। हिंसा ज्यादा से ज्यादा 36 घंटे चली। शाह के इन बयानों के बीच कांग्रेस के सांसदों ने हंगामा किया और सदन से वॉकआउट कर दिया।

दिल्ली हिंसा पर नजर रखने के लिए ट्रंप के कार्यक्रम में नहीं गया: गृह मंत्री ने यह भी कहा, “36 घंटे में जो हुआ, उसे मैं नजरंदाज नहीं कर रहा। 50 से ज्यादा लोग मारे गये और हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ जो छोटी बात नहीं है।” उन्होंने कहा, “दिल्ली दंगों के किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और कोई निर्दोष परेशान नहीं होगा। इसके लिए वैज्ञानिक तरीके से जांच हो रही हैं।” शाह ने कहा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान दिल्ली के उनके कार्यक्रमों में नहीं गये और पूरे समय दिल्ली पुलिस के साथ बैठकें कर हिंसा को नियंत्रित करने की दिशा में लगे रहे।