Amit Shah Attacks Rahul Gandhi: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधा। शाह ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को विदेश में भारतीय राजनीति की आलोचना करने से पहले अपने पूर्वजों से सीखना चाहिए।

अमित शाह ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के नौ साल पूरे होने के मौके पर पाटन जिले के सिद्धपुर में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने राहुल गांधी द्वारा विदेशों में की गई टिप्पणी को लेकर निशाना साधा। शाह ने कहा कि हम यहां यहां नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के एक दशक की बात कर रहे हैं। जिसने विकास की राजनीति की शुरुआत की है… लेकिन इन सालों में कांग्रेस ने अभी ठीक से बोलना नहीं सीखा। उन्होंने कहा कि राहुल बाबा (गांधी) छुट्टियां मनाने विदेश गए हैं, क्योंकि यहां तापमान बढ़ रहा है…और जब वे विदेश पहुंचते हैं तो उनका काम भारत की आलोचना करना होता है।

राहुल गांधी को अपने पूर्वजों से सीखना चाहिए: अमित शाह

शाह ने कहा, ‘मैं राहुल बाबा से बस इतना कहना चाहता हूं कि अपने पूर्वजों से सीखिए… एक देशभक्त हमेशा अपने देश की धरती पर आंतरिक राजनीति पर चर्चा करेगा, न कि विदेशी जमीन पर… किसी भी पार्टी के किसी भी राजनीतिक नेता के लिए विदेश जाकर देश की आलोचना करना शोभा नहीं देता। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल बाबा, याद रखिए कि देश आपको करीब से देख रहा है और यह भी समझ रहा है कि आप क्या कर रहे हैं।’

‘राम मंदिर जाने का टिकट तैयार रखें राहुल गांधी’

शाह ने राहुल गांधी को संयुक्त विपक्ष का नेता बनने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी से टक्कर लें। शाह ने तंज भरे लहजे में कहा कि विपक्षी दलों ने जो बात 2019 में कही थी, वही बात वो 2024 में कह रहे हैं कि वे एकजुट हो रहे हैं। शाह ने कहा कि मैं अपील कर रहा हूं कि आप सभी एक हो जाएं और राहुल गांधी के नेतृत्व में चुनाव लड़ें, फिर लोगों को तय करने दें कि वे किसे 2024 में प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। शाह ने कहा कि मैं हर जगह देख सकता हूं कि लोगों को मोदी के शासन में अत्यधिक विश्वास है। शाह ने कहा कि अगर राहुल गांधी को आस्था है तो वे 2024 में अयोध्या के राम मंदिर में जाने के लिए अपना टिकट तैयार रखें।

‘सेंगोल को नेहरू द्वारा स्थापित किया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ’

नए संसद भवन में सेंगोल की स्थापना को एक “पवित्र” क्षण बताते हुए शाह ने कहा, ‘इसे जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित किया जाना था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, इसलिए मोदीजी को करना पड़ा … तो आप आपत्ति क्यों कर रहे हैं? वे (विपक्ष) अपने निरंतर विरोध के साथ मोदी को संसद में बोलने नहीं देते… लेकिन मोदी ने विरोध की राजनीति पर विकास की राजनीति का परिचय दिया है। पवित्र सेंगोल की स्थापना संसद में भारत की संस्कृति और परंपराओं की स्थापना है।”

‘गुजरात मॉडल अब भारत मॉडल में बदल गया’

शाह ने गुजरात के लोगों से 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की “हैट्रिक” सुनिश्चित करने की अपील की। शाह ने कहा कि आज मैं यहां गुजरात के लोगों को यह बताने आया हूं कि आज देश जो विकास देख रहा है, वह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात में शुरू हुआ। 2002 से 2014 तक गुजरात के गांवों में सड़कें, पानी और चेक डैम देखा… हर बेटी स्कूल जाने लगी। देश भर में शुरू हुआ ‘गुजरात मॉडल’ अभियान आज ‘भारत मॉडल’ में बदल गया है और मोदीजी ने इस मॉडल के महत्व को दुनिया को समझाने का प्रयास किया है।

उन्होंने कहा, ‘आज हम जो जश्न मना रहे हैं, वह सिर्फ नरेंद्र मोदी की उपलब्धियां नहीं हैं, बल्कि ये गुजरात और देश के 100 करोड़ मतदाताओं की उपलब्धियां हैं। इसका श्रेय गुजरात के 6 करोड़ लोगों को जाता है। अगर कांग्रेस को 10 साल तक गुजरात में एक भी सीट नहीं मिलती है, तो इससे पता चलता है कि गुजराती भाजपा के कमल चिन्ह को कितना महत्व देते हैं … आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि भाजपा 2024 में इन 26 सीटों के साथ एक हैट्रिक हासिल कर ले।’

शाह ने आगे कहा कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के 10 साल भ्रष्टाचार और 12 लाख करोड़ रुपये के घोटालों से भरे हुए थे। इन नौ वर्षों में एनडीए सरकार को विपक्षी दलों से भ्रष्टाचार के एक भी आरोप का सामना नहीं करना पड़ा है।

उन्होंने मोदी की “राजनीतिक इच्छाशक्ति” की बात करते हुए उरी और पुलवामा हमलों का जिक्र किया। शाह ने कहा कि दुनिया में जहां कहीं भी संघर्ष हुआ है और भारतीय फंस गए। मैंने व्यक्तिगत रूप से देखा है कि मोदीजी दुनिया के नेताओं से बात करने के लिए तीन बजे तक जागते रहते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एक भी भारतीय अपनी जान नहीं गंवाए। शाह ने कहा कि पाकिस्तान ने उरी और पुलवामा पर हमला किया, लेकिन मोदीजी ने सर्जिकल और एयर स्ट्राइक से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सेना वही है… वे उस (यूपीए) समय में भी उतने ही बहादुर थे, जितने आज हैं।”

शाह ने कहा कि अंतर केवल राजनीतिक इच्छाशक्ति का है। मोदीजी ने दुनिया में यह स्थापित कर दिया है कि कोई भी भारत की सीमाओं और उसकी सेना के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता।