कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मोदी-योगी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा, सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए युवाओं के लिए जॉब्स लाए, लेकिन बीजेपी सरकार की प्राथमिकता है नागरिकों की जासूसी। प्रियंका गांधी ने कहा कि देश को युवा एजेंडा नहीं बल्कि रोजगार का रोडमैप चाहिए।

प्रियंका गांधी ने कहा कि जब रोजगार नहीं है तो नौजवानों में गुस्सा होना जायज है। उन्होंने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राजनीतिक दलों को पता है कि आप बेरोजगार रहेंगे तो आप बहेंकेंगे। युवाओं को बेरोजगार रखने से राजनीतिक दलों को फायदा होता है। जातिवाद की राजनीति से पब्लिक का फायदा नही होगा। आपको रोजगार नहीं मिलेगा।

बेरोजगारी दर चार महीने के उच्चतम स्तर पर

CMIE के मुताबिक, दिसंबर, 2021 में भारत की बेरोजगारी दर चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। सेंट्रल फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के जनवरी के पहले सप्ताह में जारी डेटा से यह बात सामने आई है। दिसंबर में बेरोजगारी की दर बढ़कर 7.9 फीसदी हो गई। नवंबर में यह 7 फीसदी रही थी। यह अगस्त के 8.3 फीसदी के बाद सबसे ऊंचा आंकड़ा है। डेटा कहता है कि दिसंबर में शहरी बेरोजगारी दर बढ़कर 9.3 फीसदी हुई। पिछले महीने में ये 8.2 फीसदी थी। ग्रामीण बेरोजगारी दर भी 6.4 से बढ़कर 7.3 फीसदी हो गई।

डेटा के मुताबिक 2017 की बात की जाए तो सितंबर-दिसंबर के बीच तब देश में युवा बेरोजगारों की तादाद 1.77 करोड़ थी। लॉकडाउन के दौर में मई-अगस्त 2020 के दौरान ये तादाद 2.93 करोड़ रही। लेकिन आज की बात की जाए तो देश में 3.03 करोड़ युवा बेरोजगार हैं। ये वो युवा हैं जो काम की तलाश कर रहे हैं। 1.24 करोड़ युवा ऐसे भी हैं जो काम तो चाहते हैं लेकिन थक हारकर घर में बैठ चुके हैं। इन्हें भी शामिल करें तो युवा बेरोजगारों की तादाद कुल मिलाकर 4.27 करोड़ है।

अमेरिकी अखबार ने लगाया ये आरोप

‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की खबर में दावा किया गया है कि भारत ने इजराइल के साथ 2017 में दो अरब अमेरिकी डॉलर का रक्षा सौदा किया था। इस करार के तहत पेगासस स्पाइवेयर खरीदा गया था। इस दावे के बाद विवाद खड़ा हो गया। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार अवैध जासूसी में लिप्त है। ये देशद्रोह है। ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने ‘द बैटल फॉर द वर्ल्ड्स मोस्ट पावरफुल साइबरवेपन’ शीर्षक से खबर में कहा है कि इजराइली कंपनी एनएसओ इस जासूसी सॉफ्टवेयर को दुनिया भर में बेच रही थी।

हालांकि, पिछले साल ही इस बात को लेकर विवाद खड़ा हो गया था कि भारत सरकार पेगासस का इस्तेमाल करके लोगों की जासूसी करा रही है। 27 अक्टूबर को उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करते हुए कहा था कि सरकार हर बार राष्ट्रीय सुरक्षा का खतरा बता सवालों से बच नहीं सकती।

सुप्रीम कोर्ट में फिर से याचिका

पेगासस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दायर की गई है। अपील की गई है कि कोर्ट ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की खबर का संज्ञान लेते हुए 2017 में हुए भारत-इजराइल रक्षा सौदे की जांच का आदेश दे। एडवोकेट एमएल शर्मा ने यह याचिका दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि सौदे को संसद की मंजूरी नहीं मिली थी। लिहाजा इसे रद्द कर पैसा वसूल होना चाहिए। उन्होंने शीर्ष अदालत से केस दर्ज कर पेगासस स्पाइवेयर की खरीद के साथ धन के दुरुपयोग की जांच कराने की अपील की है।