देश में कोरोना वायरस के केस हजारों से बढ़कर लाखों में पहुंच गए है। एक दिन में पौने दो लाख केस आ रहे हैं। कई राज्यों में स्थिति काफी गंभीर है। अस्पतालों में न तो बेड है और न ही देखने के लिए डॉक्टर ही उपलब्ध है। दवाई और टीके भी कम पड़ गए हैं। ऑक्सीजन की भारी कमी है। संक्रमण की दर बढ़ती जा रही है। इसको लेकर कुछ राज्य सरकारें केंद्र पर तोहमत लगा रही है, जबकि केंद्र का कहना है कि राज्य सरकारे खुद ढंग से तैयारी नहीं कर रही हैं।
इस मुद्दे को लेकर टीवी चैनल रिपब्लिक भारत के पूछता है भारत कार्यक्रम में एंकर अर्नब गोस्वामी ने पैनलिस्ट से पूछा कि देश में आपदा की स्थिति है और राज्य सरकारें इसको नियंत्रित करने में लाचार क्यों हैं? तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता संजय शर्मा ने कहा कि देश में टीका की कमी है, इस पर एंकर अर्नब गोस्वामी ने कहा कि आप कैसे कह सकते हैं कि टीके की कमी है। आप सबूत दीजिए। पैनलिस्ट अवनिजेश अवस्थी ने कहा कि सरकार सबके साथ इस मुद्दे पर मिल बैठकर बात करना चाहती है और समस्या का समाधान ढूंढ़ना चाहती है, लेकिन राज्य सरकारें इस पर राजनीति करने लगती हैं। वे इस पर कोई समाधान खोजने के बजाए मोदी को हटाने के मुद्दे और उनकी आलोचना करने में ज्यादा व्यस्त रहती है।
बताया कि पहली मई से सरकार ने 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीका लगाने का ऐलान किया है। सरकार के पास पर्याप्त टीके हैं। ऐसे में आप यह कैसे कह सकते हैं कि टीके नहीं हैं।
चर्चा में बोलते हुए भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि देश में दो तरह की सरकार है। एक वह है जो कहती है कि हम कोरोना का परास्त करके रहेंगे जैसे भाजपा। भाजपा यह कहती है कि हम हर हाल में कोरोना को हराएंगे, दूसरी तरह वे राजनीतिक दल हैं, जो कहते हैं कि हम मोदी जी को परास्त करके रहेंगे। यह बड़ी अजीब स्थिति है। प्रधानमंत्री कोरोना को भगाने में लगे हैं और विपक्ष प्रधानमंत्री को सत्ता से गिराने में लगा हुआ है।
शिवसेना प्रवक्ता किशोर तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों का सहयोग नहीं कर रही है। प्रधानमंत्री चुनावी रैली में व्यस्त हैं। उन्हें देश की जनता से ज्यादा चुनावी रैलियां जरूरी लगती है। कहा कि महाराष्ट्र सरकार लगातार कह रही है कि हमें टीके उपलब्ध कराइए, लेकिन सरकार दे नहीं पा रही है।