कांग्रेस नेता राहुल गांधी से नेशनल हेराल्ड अखबार में भ्रष्टाचार को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की पूछताछ पर पार्टी कार्यकर्ताओं का जोरदार विरोध और कई जगह हिंसक आंदोलन और बवाल मीडिया की सुर्खियां बना हुआ हैं। इस मामले में टीवी चैनलों पर डिबेट में कांग्रेस और भाजपा समेत दूसरे दलों के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। ये सब तब हो रहा है जब राहुल गांधी के बाद सोनिया गांधी को भी पूछताछ के लिए एजेंसी के सामने पेश होना है।
टीवी चैनल न्यूज-18 इंडिया में डिबेट में कांग्रेस नेता अलका लांबा से जब एंकर अमीश देवगन ने इस पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि “हम कानून का पालन करते हैं, इसलिए राहुल गांधी बेकसूर होकर भी एजेंसी के सामने पेश हुए हैं, जबकि सत्ता पक्ष उनसे राजनीतिक बदले की भावना से उनको परेशान कर रही है। इसको लेकर ही हमारी पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर विरोध कर रहे हैं।”
इस पर एंकर अमीश देवगन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कानून का सम्मान करती है तो राहुल गांधी से पूछताछ का विरोध क्यों कर रही है। 2010 में नरेंद्र मोदी से भी ईडी ने पूछताछ की थी, लेकिन उन्होंने कोई विरोध नहीं किया था। वे तत्कालीन मुख्यमंत्री थे और उनसे देर रात तक पूछताछ हुई थी।
इस पर कांग्रेस नेता अलका लांबा ने हंसते हुए कहा कि “यह सबको मालूम है कि उस वक्त अटल और आडवाणी की चलती थी। उन्होंने तब कहा था कि इस आदमी के साथ कोई नहीं जाएगा। और नरेंद्र मोदी ने पीएम बनते ही सबसे पहले आडवाणी को ही निपटा दिया और उनको मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया।”
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय बुधवार को लगातार तीसरे दिन पूछताछ कर रही है। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ता देशभर में सड़कों पर उनसे पूछताछ का विरोध कर रहे हैं। राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने भी सड़क पर कार्यकर्ताओं के साथ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस को भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। कई जगह सड़कों पर टायर जला दिए गए हैं और तोड़फोड़ की गई है। कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की धक्कामुक्की की वजह से उनके नेताओं को चोटें आई हैं।