कांग्रेस ने सरकार की ओर से छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें घटाने और फिर अपने इस फैसले को वापस लिए जाने के बाद बृहस्पतिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा और सवाल किया कि दरें कम करने का आदेश करने में ‘चूक’ हुई थी या फिर विधानसभा चुनावों के चलते उसे वापस लेना पड़ा। इस फैसले को लेकर टीवी चैनलों में बहस होती रही। एबीपी न्यूज चैनल पर एंकर रोमाना इसार खान ने बीजेपी प्रवक्ता जफर इस्लाम से पूछा, “ये वाकई भूल है या सरकार जनता को अप्रैल फूल बना रही है? अगर ये भूल है, तो जिम्मेदार कौन है?”

इस पर जफर इस्लाम ने कहा, “यह भूल है इसीलिए सरकार ने इसको वापस ले लिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने खुद से ट्वीट करके इसे बताया। होता यह है कि डिपार्टमेंट में यह रूटीन वर्क होता है। हर क्वार्टर में इसे रीवैलीडेट किया जाता है। बहुत से आंकड़ों के बेसिस पर एक लिंक रहता है किसी न किसी बेंचमार्क से और यह पता चलता है कि आपके डिपार्टमेंट से चूक हुई थी, इसे करेक्ट कर दिया गया है। कहा कि यह सरकार इतना कंपीटेंट है कि अगर भूल हुई तो खुद ही बता दी।” इस पर कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि सरकार एक सर्कस है। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने यह भी कहा कि अब निर्मला को वित्त मंत्री के पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, “पेट्रोल-डीजल पर तो पहले से ही लूट थी, चुनाव ख़त्म होते ही मध्यवर्ग की बचत पर फिर से ब्याज कम करके लूट की जाएगी। जुमलों की झूठ की, ये सरकार जनता से लूट की!” कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने दावा किया कि विधानसभा चुनावों के बीत जाने के बाद केंद्र सरकार अपना ‘अनर्थशास्त्र’ फिर से लागू करेगी।

उन्होंने ट्वीट कर सवाल किया, “भारत सरकार की बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटाने के लिए आदेश जारी करने में ‘चूक’ हुई या फिर चुनावों की वजह से इन्हें वापस लेना पड़ा?”

इससे पहले उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा, “कल रात सरकार ने आमजनों की छोटी बचत वाली स्कीमों की ब्याज दरों में कटौती कर दी थी। आज सुबह जब सरकार जागी तो उसको पता चला कि अरे ये तो चुनाव का समय है। सुबह उठते ही सारा दोष “ओवरसाइट” (चूक) शब्द पर मढ़ते हुए सरकार ने ये फैसला वापस ले लिया।”

प्रियंका ने दावा किया, “चुनाव है तो पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम भी नहीं बढ़ रहे हैं। एक बार चुनाव जाने दीजिए भाजपा अपना अनर्थशास्त्र फिर से लागू करेगी।”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि यह फैसला वापस स्थगित किया गया या चुनाव के बाद से इस पर फिर से अमल किया जाएगा।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “यह गंभीर विषय है। कहा जा रहा है कि चुनाव के कारण यह फैसला स्थगित किया गया है। हमारी मांग है कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि चुनाव के बाद लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें नहीं घटाई जाएंगी।”

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, “मैडम वित्त मंत्री, क्या आप सर्कस चला रही हैं या सरकार? कोई भी इस स्थिति में अर्थव्यवस्था के चलने को लेकर कल्पना ही कर सकता है जब करोड़ों लोगों को प्रभावित करने वाले फैसले को चूकवश जारी कर दिया जाए। यह आदेश किसने जारी किया?”

उन्होंने कहा, “आपको वित्त मंत्री के पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।” गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार पीपीएफ तथा एनएससी जैसी छोटी बचत योजनाओं में की गई बड़ी कटौती वापस लेगी और साथ ही यह भी कहा कि ऐसा चूकवश हो गया था।

उल्लेखनीय है कि छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले लोगों को झटका देते हुए सरकार ने बुधवार को लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और एनएससी (राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र) समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत तक की कटौती की थी। यह कटौती एक अप्रैल से शुरू वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के लिये की गयी थी।