पूर्व केंद्रीय मंत्री और मशहूर अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा को ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने आसनसोल से लोकसभा उपचुनाव उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा कोलकाता की बालीगंज विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए टीएमसी ने मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे बाबुल सुप्रियो को अपना चेहरा बनाया है।

बता दें कि बाबुल सुप्रियो पिछले साल सितंबर में भारतीय जनता पार्टी छोड़ टीएमसी में शामिल हो गये थे। हालांकि शत्रुघ्न सिन्हा को टीएमसी में शामिल होना बाकी है। बालीगंज और आसनसोल सीट पर 12 अप्रैल को उपचुनाव होंगे। भाजपा में रहने के दौरान बाबुल सुप्रियो ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज की थी।

कोलकाता के बालीगंज विधानसभा क्षेत्र से राज्य के पूर्व मंत्री और पार्टी के दिग्गज नेता सुब्रत मुखर्जी विधायक थे लेकिन उनके निधन के बाद यह सीट खाली हो गई थी। यशवंत सिन्हा, सुष्मिता देव और लुइज़िन्हो फलेरियो जैसे राष्ट्रीय नेताओं के बाद अभिनेता से राजनेता बने शत्रुघ्न सिन्हा के टीएमसी में शामिल होने को लेकर माना जा रहा है कि पार्टी राष्ट्रीय विस्तार की योजना के रूप में काम कर रही है।

इसके अलावा बाबुल सुप्रियो को टीएमसी से टिकट देने को लेकर कहा जा रहा है कि सुप्रियो मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। लेकिन पिछले साल मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। ऐसे में बाबुल सुप्रियो का टीएमसी में आना और उनका उपचुनाव में उतरने को लेकर ममता बनर्जी इसे मोदी सरकार के खिलाफ बड़े हथियार के रूप में देख रही हैं।

शत्रुघ्न सिन्हा से भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए थे। वो बिहार के पटना साहिब से कांग्रेस के टिकट पर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन जीत नहीं सके। वहीं बाबुल सुप्रियो भी पूर्व केंद्रीय मंत्री और आसनसोल से दो बार बीजेपी सांसद रह चुके हैं। उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाकर ममता बनर्जी भाजपा और कांग्रेस से ताकत हासिल कर अपनी पार्टी को मजबूत करने में लगी हैं।

2011 में सत्ता में आने के बाद से ममता बनर्जी ने फिल्म और टेलीविजन उद्योग के सदस्यों को अधिक चुनावी टिकट दिया है। बंगाली अभिनेताओं, तापस पॉल, शताब्दी रॉय और देबाश्री रॉय, और बॉलीवुड सुपरस्टार मिथुन चक्रवर्ती से लेकर बंगाली सुपरस्टार देव, मिमी चक्रवर्ती, नुसरत जहां तक को टीएमसी चुनावी मैदान में उतारा।

दरअसल आसनसोल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में कोयला खदान श्रमिकों, कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों, स्क्रैप डीलरों और अल्पसंख्यक आबादी की मिश्रित आबादी है। इस लोकसभा क्षेत्र में लगभग 50 प्रतिशत मतदाता हिंदी भाषा बोलते हैं। ऐसे में टीएमसी ने सिन्हा जैसे उम्मीदवार को टिकट दिया है। बालीगंज विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां बड़ी संख्या में गैर-बंगाली आबादी है। पार्श्व गायक बाबुल सुप्रियो की छवि के मुताबिक उन्हें अधिक समर्थन मिलने की संभावना है।

टीएमसी की पिछले कुछ महीनों की गतिवधियों पर नजर डालें तो पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराने को लेकर सक्रिय है। इस प्लान के चलते वह प्रमुख और वरिष्ठ नेताओं को अपने साथ ला रही है। पार्टी की मंशा संसद के दोनों सदनों में मजबूथ विपक्ष खड़ा करने की है।