बिहार की नीतीश सरकार में मंत्री रहे तीन नेता विधानसभा चुनाव हार गए हैं। सुरेश शर्मा, रामसेवक सिंह और कृष्णनंदन वर्मा हारने वालों में शामिल हैं। छपरा की परसा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय के बेटे और लालू यादव के समधी चंद्रिका राय भी चुनाव हार गए हैं।
चंद्रिका राय पर नीतीश ने दांव आजमाया था। चंद्रिका राय की ही सभा में नीतीश कुमार के खिलाफ लोगों ने नारे लगाए थे, जिसपर मंच से नाराजगी व्यक्त करते मुख्यमंत्री का वीडियो वायरल हुआ था।
मुजफ्फरपुर विधानसभा सीट से नीतीश सरकार में शहरी विकास मंत्री रहे सुरेश कुमार शर्मा को हार का सामना करना पड़ा है। यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार विजेंद्र चौधरी ने उन्हें छह हजार मतों से हराया। विजेंद्र को 81 हजार वोट मिले जबकि सुरेश शर्मा को 75 हजार मत ही मिल सके। इससे पहले 2015 के चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार सुरेश कुमार शर्मा ने 29739 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। ऐसे में यह बड़ा झटका माना जा रहा है।
नीतीश सरकार के दूसरे बड़े चेहरे समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह हैं, जो इस बार हथुआ से चुनाव हार गए हैं। राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार राजेश कुमार ने रामसेवक को करारी शिकस्त दी। रामसेवक सिंह बिहार की हथुआ विधानसभा से चार बार विधायक रहे हैं। वह कुशवाहा जाति से आते हैं और हथुआ विधानसभा कुशवाहा बाहुल्य क्षेत्र है।
तीसरा नाम बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा का है। राजद उम्मीदवार सुदय यादव ने उन्हें हराया है। चुनाव से पहले भी वर्मा को टिकट दिए जाने का विरोध हुआ था। बताते हैं कि बिहार का शिक्षक वर्ग उनसे काफी नाराज था। इसके अलावा छपरा की परसा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद राय के बेटे और लालू यादव के समधी चंद्रिका राय चुनाव हार गए हैं। उन्हें फखऊ के छोटे लाल राय ने हराया। यह हार नीतीश कुमार को भी खलेगी क्योंकि उन्होंने खुद चंद्रिका राय के लिए प्रचार किया था।