मेरठ। दो माह पहले एक हिंदू युवती ने अपने साथ हुए सामूहिक बलात्कार और जबरन धर्मांतरण के आरोप लगाकर उत्तर प्रदेश की सियासत में उबाल ला दिया था। उसकी आपबाती ने सूबे में ‘लव जेहाद’ का मामला गरमा दिया और हालिया उपचुनाव में इसे भुनाने की कोशिश भी हुई। भाजपा ने लव जेहाद का मामला उछालकर प्रचारित किया मुसलिम युवकों ने हिंदू युवती से धोखे से शादी करके उसका धर्मांतरण किया।

इस मामले में दस लोगों को गिरफ्तार किया गया जिनमें कथित तौर पर युवती को धोखे से जाल में फंसाने वाला युवक भी शामिल था। इस घटना पर मेरठ में तनाव फैलने के बाद सरकार जागी थी और प्रशासन ने फौरन कार्रवाई की। हालांकि बीच-बीच में युवती के विरोधाभासी बयान आते रहे। लेकिन रविवार को मामला ने नया मोड़ ले लिया जब खरखौदा गांव की इस पीड़ित लड़की ने महिला थाने पहुंचकर यह कहते हुए सनसनी फैला दी कि उसे पिता से जान का खतरा है। पीड़िता ने सिटी मजिस्ट्रेट को दिए अपने बयान में कहा कि वह जेल में बंद कलीम के साथ अपनी मर्जी से गई थी।

बहरहाल पीड़िता के घर जाने से मना करने पर उसे नारी निकेतन भेज दिया गया है। लेकिन हिंदू संगठनों का आरोप है कि इस मामले के पीछे कोई साजिश है। हिंदू बहन बेटी बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अजय त्यागी ने कहा कि जिला पुलिस राज्य सरकार के इशारे पर काम कर रही है। त्यागी ने आरोप लगाया कि मुसलिमों की ओर से युवती और उसके घर वालों को धमकियां मिल रही थीं।

महिला थाना प्रभारी अलका सिंह ने सोमवार को बताया कि युवती ने अपने बयान में कहा है कि उसे परिजनों से जान का खतरा है, इसीलिए शनिवार को उसके घर से सुरक्षा भी हटा ली गई। रात में उसकी हत्या की साजिश रची जा रही थी। युवती ने अपने रिश्तदारों के पास जाने से भी इनकार कर दिया, इसलिए उसे नारी निकेतन भेज दिया गया।

खरखौदा के गांव सरावा की रहने वाली इस युवती का कथित तौर पर 29 जुलाई को अपहरण किया गया था। आज सुबह गांव वालों द्वारा पीड़ित युवती के परिवार के बहिष्कार की भी अफवाह फैली थी। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) कैप्टन एमएस बेग ने बताया कि रविवार को खरखौदा थाने में पीड़ित युवती के पिता ने अपनी पुत्री की गुमशुदगी की तहरीर दी थी। पुलिस उसकी तलाश में ही जुटी थी कि इस बीच पीड़ित युवती खुद मेरठ के महिला थाने में पहुंच गई। उसने अपने बयान में कहा है कि उसे अपने माता-पिता से जान का खतरा है इसलिए वह पुलिस की शरण में आई है।

युवती के बयान के बाद उसे सिटी मजिस्ट्रेट सत्यप्रकाश राय की अदालत में पेश किया गया जहां उसने कहा कि वह कलीम के साथ अपनी मर्जी से गई थी। इससे उसके घर वाले नाराज हैं। युवती के अनुसार उसको अपने परिवार वालों से जान का खतरा है इसलिए वह वापस अपने घर नहीं जाएगी। उधर पीड़ित युवती के पिता ने अपनी बेटी के बयान को दबाव में दिया गया बयान बताया है। वे सोमवार को नारी निकेतन में अपनी बेटी से मिलने भी गए। लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया।

थाना खरखौदा प्रभारी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि उन्हें भी ऐसी जानकारी मिली है कि पीड़ित युवती के गांव वालों ने उसके ताजा बयान के बाद उसके परिवार वालों का बहिष्कार कर दिया है। हालांकि अधिकृत रूप से इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है।

इस बहुचर्चित मामले में पीड़ित युवती के पिता द्वारा थाने में गांव के प्रधान नवाब, हाफिज सन्नाउल्लाह उसकी पत्नी समरजहां, युवती की सहेली निसात अंजुम आदि के खिलाफ अपहरण, गैंगरेप और धर्मांतरण की रपट दर्ज कराई गई थी। फिलहाल इस मामले में दस आरोपी जेल में हैं। महिला थानाध्यक्ष अलका सिंह द्वारा सभी 10 आरोपियों के खिलाफ दाखिल आरोपपत्र में केवल कलीम को ही दुष्कर्म का आरोपी बनाया था।