हजारों किसानों ने मंगलवार को हरियणा के करनाल सचिवालय परिसर की ओर मार्च किया और पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए पानी की बौछारें छोड़ी। इससे पहले महापंचायत करने और लघु सचिवालय का घेराव करने के लिए बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों के एकत्रित होने के मद्देनजर किसानों के 11 नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को जिला प्रशासन ने बातचीत के लिए बुलाया लेकिन यह बातचीत फेल साबित रही। जिसके बाद किसानों ने डीसी दफ्तर का रुख किया।

मालूम हो कि किसानों पर 28 अगस्त को हुए पुलिस के कथित लाठीचार्ज के विरोध में मंगलवार को महापंचायत करने के लिए राकेश टिकैत, बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शन पाल, योगेंद्र यादव और गुरनाम सिंह चढूनी सहित संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के कई वरिष्ठ नेता करनाल पहुंचे।

इस बीच, किसानों की लघु सचिवालय का घेराव करने की योजना के मद्देनजर करनाल में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। करनाल में हरियाणा पुलिस के साथ ही बड़ी संख्या में केन्द्रीय बलों के कर्मी भी तैनात किए गए हैं, जबकि नई अनाज मंडी में भी बल की भारी तैनाती की गई है। किसानों की योजना अनाज मंडी में एकत्रित होकर, वहां से लघु सचिवालय का घेराव करने के लिए आगे बढ़ने की है।

इससे पहले सुबह खराब मौसम का सामना करते हुए किसान ट्रैक्टर और मोटरसाइकिल पर सवार होकर नई अनाज मंडी पहुंचे। पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारियों को नई अनाज मंडी में तैनात किया गया है। लघु सचिवालय के आसपास अवरोधक लगाए गए हैं और भारी बल की तैनाती की गई है।

प्रशासन ने जिले में लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया है और मोबाइल इंटरनेट सेवा को निलंबित कर दिया गया है। हरियाणा सरकार ने पास के चार जिलों में भी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं सोमवार दोपहर 12:30 बजे से लेकर मंगलवार मध्य रात्रि तक बंद रखने का आदेश दिया है। कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद और पानीपत जिलों में मंगलवार को दिन में 12 बजे से रात 11:59 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद रहेगी।

गौरतलब है कि हरियाणा पुलिस ने 28 अगस्त को भाजपा की एक बैठक में जा रहे नेताओं का विरोध करते हुए एक राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बाधित करने वाले किसानों के एक समूह पर कथित तौर पर लाठीचार्ज किया था। इसमें 10 से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे।

वहीं, आज कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल के एक सदस्य ने भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर प्रस्तुत एक रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की है।