कोरोना लगातार कहर बरपा रहा है। दूसरी लहर पहले से भी ज्यादा घातक होती दिख रही है। इसे देखते हुए ही पीएम नरेंद्र मोदी ने आज से 14 अप्रैल तक टीका उत्सव मनाने का आहवान किया है। उनकी अपील सारे देशवासियों से है, लेकिन देखा जाए तो नेता ही पीएम के अभियान को पलीता लगा रहे हैं। इसमें बीजेपी के साथ दूसरे दलों के नेता भी बराबर के भागीदार हैं।
पीएम मोदी ने अपनी वेबसाइट पर लिखा, आज 11 अप्रैल यानि ज्योतिबा फुले जयंती से हम देशवासी टीका उत्सव की शुरुआत कर रहे हैं। ये 14 अप्रैल यानि बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती तक चलेगा। ये उत्सव, एक प्रकार से कोरोना के खिलाफ दूसरी बड़ी जंग की शुरुआत है। देश में तेजी से बढ़ते जा रहे कोरोना संक्रमण के मामलों पर चिंता जताते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए फिर से युद्ध स्तर पर काम करना आवश्यक है। पीएम मोदी ने कहा कि देश ने पिछले साल बगैर टीके के कोविड-19 से लड़ाई जीती थी, इसलिए आज भयभीत होने की जरूरत नहीं है।
पीएम ने देशवासियों से 4 अपीलें की हैं। पहली के तहत, जो लोग कम पढ़े-लिखे हैं, बुजुर्ग हैं, जो स्वयं जाकर टीका नहीं लगवा सकते, उनकी मदद करें। जिन लोगों के पास उतने साधन नहीं हैं, जिन्हें जानकारी भी कम है, उनकी कोरोना के इलाज में सहायता करें। खुद भी मास्क पहनें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। चौथी अपील के तहत किसी को कोरोना होने की स्थिति में, माइक्रो कन्टेनमेंट जोन बनाने का जिम्मा लोग खुद उठाएं। जहां पर एक भी कोरोना का पॉजिटिव केस आया है, वहां परिवार के लोग, समाज के लोग इस तरह का जोन बनाएं।
पीएम की अपील पर देश के सारे लोगों को एकजुट होकर काम करना चाहिए। लेकिन सरकार के नंबर दो अमित शाह खुद ही नियमों की धज्जियां उड़ाते दिखे। बंगाल के सांतिपुर में उनका रोड शो रविवार को हुआ। इसमें भारी तादाद में लोगों ने शिरकत की। लेकिन न तो रथ पर सवाल अमित शाह मास्क पहने दिखे और न ही भीड़ में चल रहे बाकी लोग। ऐसे में कोरोना पर कैसे काबू पाया जा सकता है यह बात गले से नीचे नहीं उतर रही।
ऐसा नहीं कि दूसरे दलों के नेता इसमें पीछे हैं। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी जलपाईगुड़ी में लोगों से रूबरू हुईं तो वह भी कोरोना को आमंत्रण देती दिखीं। ममता ने चेहरे पर मास्क तो था, लेकिन गले में लटका हुआ। वह माइक हाथ में लेकर लोगों को यह बता रही थीं कि सिलीगुड़ी में बैठे-बैठे किस तरह से उन्होंने कूच बिहार में केंद्रीय बलों की गोलियों से मारे गए लोगों के परिजनों से बात की। लेकिन मास्क का अपनी जगह न होना खतरनाक है।
टीका उत्सव पर देशवासियों से आग्रह। pic.twitter.com/GvGV3OCnP7
— PMO India (@PMOIndia) April 11, 2021
Santipur is yearning for change. Live from the roadshow. #JitcheBJPJitcheBangla https://t.co/m51z34na1S
— Amit Shah (@AmitShah) April 11, 2021
I am a Royal Bengal Tiger. They didn't let me go (to Cooch Behar). I talked to them (families of deceased in firing incident) over video call sitting in Siliguri: West Bengal CM Mamata Banerjee in Jalpaiguri pic.twitter.com/GsZ1ZhPcXI
— ANI (@ANI) April 11, 2021
मध्यप्रदेश में भी कई नेता बगैर मास्क के मीडिया से मुखातिब होते दिखे। वहां के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र खुद नियमों की धज्जियां उड़ाते दिखे। चेन्नई में भी बीजेपी के कई नेता बगैर मास्क के देखे गए। हालांकि सत्ता पक्ष के नेता खुद नियमों की धज्जियां उड़ाते देखे जा रहे हैं, लेकिन दिल्ली के नेताओं ने केजरीवाल की एक फोटो को ट्वीट करके उन पर निशाना साधा। इसमें वह बगैर मास्क के दिख रहे हैं। लेकिन फैक्ट चेक में पता चला कि यह फोटो 2019 की है। उस समय वह प्रदूषण से बचने के लिए बच्चे को मास्क पहनना सिखा रहे थे।