मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा इस समय एनआईए की कस्टडी में हैं। सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को उससे 4 घंटे तक पूछताछ की गई, लेकिन उसने जांच में सहयोग नहीं किया। तहव्वुर से पूछताछ सुबह 11.15 बजे शुरू हुई थी। उसे करीब 11.10 बजे उसकी सेल से निकाल कर इंटेरोगेशन रूम में ले जाया गया था।
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आरोपी बनाता रहा बीमारी का बहाना
इससे पहले करीब 10.30 से 11 बजे के बीच NIA अधिकारियों की एक मीटिंग हुई थी, जिसमें तहव्वुर राणा से पूछताछ को लेकर एक रूपरेखा तैयार की गई थी। सूत्रों के मुताबिक तहव्वुर पूछताछ में अपनी बीमारी का हवाला देकर जांच से बचने की कोशिश कर रहा है।
जांच एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, जिस कमरे में राणा से पूछताछ की गई वहां दो कैमरे लगे हुए हैं। वहीं पूछताछ के लिए एनआईए के 12 अधिकारियों की टीम तैयार की गई है। एनआईए राणा से जानना चाहती है कि उनका पाकिस्तानी हैंडलर कौन था? आतंकी साजिश में राणा को फंडिग कौन दे रहा था? स्लीपर सेल में कौन-कौन लोग हैं?
राणा के बिजनेस पार्टनर का भी पता लगाने की कोशिशों में एनआईए है। क्योंकि राणा ट्रेवल एजेंसी के नाम पर आतंकी की फैक्ट्री चला रहा था जो कि दुनिया के कई शहरों में फैली थी। ऐसे में उसके पार्टनर की भूमिका भी अहम हो सकती है। कोर्ट ने अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद राणा को 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया था। इसके बाद उसे शुक्रवार सुबह एनआईए मुख्यालय लाया गया।
पालम एयरपोर्ट पर कागजी कार्यवाही जारी है। थोड़ी देर में NIA की टीम तहव्वुर राणा को लेकर बाहर आएगी।
मुंबई हमलों के आतंकी तहव्वुर राणा को दिल्ली ले आया गया है। अमेरिका से उसे लेकर आ रहे विशेष विमान ने दिल्ली के पालम एयर पोर्ट पर लैंडिंग की।
पूर्व गृह सचिव गोपाल कृष्ण पिल्लई ने गुरुवार को कहा कि मुंबई आतंकवादी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को निश्चित रूप से देश में दोषी ठहराया जाएगा और संभवतः उसे इस जघन्य आतंकवादी कृत्य में शामिल होने के लिए मौत की सजा भी दी जाएगी। राणा को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राणा डेविड कोलमैन हेडली का सहयोगी था, जो वर्ष 2008 में 26 नवंबर के हमलों में शामिल था। पिल्लई ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘राणा वह व्यक्ति था जिसने मुंबई में (अपनी फर्म का) आव्रजन कार्यालय स्थापित किया था, जिसमें डेविड हेडली को काम दिया गया और फिर उसे भारत आने के लिए वीजा मिला। राणा और हेडली बहुत करीब थे और उन्हें घटनाक्रम की जानकारी थी। इसलिए भारत में उससे पूछताछ में यह बात सामने आएगी और हेडली ने उसे क्या बताया था।’’ उन्होंने कहा कि राणा वह व्यक्ति नहीं है जिसने ताज होटल और अन्य स्थानों का सर्वेक्षण किया था जहां आतंकवादी आये थे। पिल्लई ने आतंकवादी हमले के सिर्फ छह महीने बाद गृह सचिव का पद संभाला था। उन्होंने कहा, ‘‘यह सब डेविड हेडली ने किया था। वह वही व्यक्ति था जो भारत आया, फिर पाकिस्तान गया और सारी जानकारी (पाकिस्तान में आतंकवादियों को) साझा की। लेकिन एक सह-षड्यंत्रकारी के रूप में, राणा को निश्चित रूप से भारत में दोषी ठहराया जाएगा और संभवतः उसे मृत्युदंड या 10 साल या उससे अधिक की सजा मिलेगी।’’
भाजपा ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद के प्रति ‘‘नए भारत’’ के ‘‘कतई बर्दाश्त नहीं’’ करने के संकल्प को दर्शाता है। इसने साथ ही कांग्रेस पर ‘‘वोट बैंक की राजनीति’’ के लिए आतंकवाद के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया। भाजपा मुख्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राणा का प्रत्यर्पण मोदी सरकार और इसकी सुरक्षा एजेंसियों की एक ‘‘बड़ी उपलब्धि’’ है।
तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा, “उसे 16 साल बाद भारत वापस लाना एक बहुत बड़ी कूटनीतिक और ऐतिहासिक सफलता है… यह भारत के लोगों के लिए बहुत संतोषजनक होगा कि उसे 16 साल बाद उसके अपराधों के लिए आखिरकार सजा मिलेगी… वह पाकिस्तान के बारे में और भी रहस्य उजागर कर सकता है और यह भी बता सकता है कि इस मामले में अन्य मास्टरमाइंड कौन थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वह हासिल कर लिया है जो कांग्रेस-यूपीए सरकार करने में विफल रही…”
26/11 मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर भारत में इजरायल के पूर्व राजदूत मार्क सोफ़र ने कहा, “मैं भारतीय अधिकारियों, भारतीय सरकार की प्रशंसा करता हूं, जिन्होंने हार नहीं मानी, 17 साल से ज़्यादा समय तक आतंकवादियों का पीछा किया और उन्हें न्याय के कटघरे में खड़ा किया… 2008 में लश्कर-ए-तैयबा (LT) द्वारा मारे गए लगभग 200 लोग न्याय के हकदार थे। परिवारों को न्याय मिलना चाहिए। यह इजरायल के लिए एक आघात था, लेकिन सबसे बढ़कर, यह भारत के लिए एक आघात था…यह आतंकवादियों को एक कड़ा संदेश देता है कि हम कभी हार नहीं मानेंगे, कि भारत कभी हार नहीं मानेगा। आपको हमले के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जाएगा…हमने बंधकों की जान बचाने की कोशिश में भारतीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया…यह चार या पाँच दिनों का भयावह अनुभव था, जिससे हम सभी गुज़रे…आज का दिन कई मायनों में एक ऐतिहासिक या महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि लोगों पर मुकदमा चलाया जा रहा है और उनके द्वारा किए गए अपराधों के लिए उन्हें भारत प्रत्यर्पित किया जा रहा है। यहां तक कि 17, 18 साल पहले भी”
कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि मुबंई हमले से जुड़े आतंकवादी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया मोदी सरकार ने न तो शुरू की थी और न ही उसने कोई नई सफलता हासिल की, बल्कि उसे यूपीए के समय किये गये कूटनीतिक प्रयासों का लाभ हुआ है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने इस बात पर जोर दिया कि यह प्रत्यर्पण डेढ़ दशक के कठिन कूटनीतिक, कानूनी और खुफिया प्रयासों का नतीजा है। चिदंबरम ने एक बयान में कहा, “मुझे खुशी है कि 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मुख्य आरोपियों में से एक तहव्वुर हुसैन राणा को 10 अप्रैल, 2025 को भारत प्रत्यर्पित किया गया, लेकिन पूरी कहानी बताई जानी चाहिए। यह प्रत्यर्पण डेढ़ दशक के कठिन कूटनीतिक, कानूनी और खुफिया प्रयासों का नतीजा है।”
दिल्ली के पालम एयरफोर्स स्टेशन के बाहर भारी संख्या में पुलिसकर्मी और वाहन तैनात हैं। 2008 के मुंबई हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा को प्रत्यर्पण से बचने का उसका आखिरी प्रयास विफल होने के बाद एक विशेष विमान से भारत लाया गया है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने उसका आवेदन खारिज कर दिया ।
तहव्वुर राणा की पटियाला कोर्ट में वर्चुअल पेशी होने वाली है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उसे सीधे कोर्ट परिसर में नहीं ले जाया जा रहा। माना जा रहा है कि उसे एनआईए की कस्टडी में भेजा जाएगा।
26/11 के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाए जाने पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने कहा-
तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यर्पित होना भारत सरकार और एजेंसियों की बहुत बड़ी उपलब्धि है…
पाकिस्तान की आईएसआई के इशारे पर किए गए इस हमले में 166 लोगों की जान गई थी। इसलिए तहव्वुर राणा को जवाबदेह ठहराना बहुत जरूरी है।
कई कड़ियों को जोड़ने की जरूरत है। उससे पूछताछ और हाफिज सईद और जकी-उर-रहमान लखवी की भूमिका का पता लगाने के बाद जांच पूरी होगी।
उसने डेविड कोलमैन हेडली की मदद के लिए मुंबई में एक एजेंसी खोली थी। पाकिस्तान की आईएसआई ने कैसे इस पूरे मामले को अंजाम दिया और कैसे उसने पाकिस्तानी सेना की मदद की, इस बारे में कई राज सामने आएंगे।
पाक सेना के दो मेजर इस पूरे मामले को संभाल रहे थे। क्या यह सब आईएसआई को जानकारी दिए बिना हो रहा था? क्या आईएसआई यह सब सेना प्रमुख को जानकारी दिए बिना कर रही थी?
तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर वरिष्ठ अधिवक्ता और बीजेपी नेता उज्ज्वल निकम (26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के मामले में विशेष लोक अभियोजक थे) ने कहा, “यह पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया है। यह देखना महत्वपूर्ण है कि उसके खिलाफ क्या मामला दर्ज किया गया है। मैं अभी इसके बारे में बात नहीं करूंगा। पूरी प्रक्रिया समाप्त होने के बाद मैं इसके बारे में बात करूंगा।”
26/11 मुंबई आतंकी हमले में जीवित बचे नटवरलाल रोटावन ने कहा, “जब तहव्वुर राणा को मौत की सजा सुनाई जाएगी तो भारत की जय-जयकार होगी। मैंने आतंकवादी कसाब की पहचान (मामले की सुनवाई के दौरान) की थी। प्रधानमंत्री मोदी जी शेर की तरह हैं, हमने पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों को मारा। तहव्वुर राणा के बाद डेविड हेडली, हाफिज सईद आएंगे…हम भारतीय हैं, हम डरते नहीं हैं…”
26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण पर शिवसेना नेता शाइना एनसी ने कहा, “एक मुंबईकर के तौर पर मुझे बहुत खुशी है कि उसका(तहव्वुर हुसैन राणा) प्रत्यर्पण किया जा रहा है। यह 2019 से प्रधानमंत्री मोदी की लगातार बातचीत का नतीजा है, जब उन्होंने उसके प्रत्यर्पण के संबंध में अमेरिका को एक राजनयिक नोट सौंपा था
तहव्वुर राणा भारत आ गया है, पालम में उसका विमान लैंड किया है। स्पेशल कमांडो की टीम उसे अब एनआईए दफ्तर लेकर जाएगी।
26/11 के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को भारत लाया जा रहा है। उसके भारत लाए जाने पर 26/11 मुंबई आतंकी हमले की पीड़िता सुनीता कहती हैं, “आतंकवादी हमले में मेरे पति की मौत हो गई। हमले के समय हम रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर थे। गोलियों की आवाज सुनकर, पहले तो हमें लगा कि यह पटाखों की आवाज है। जब हमने भागने की कोशिश की, तो मेरे पति के सिर में गोली लग गई। मैं खुद को बचाने के लिए अपने बच्चों के साथ भागी। हमले में मुझे भी गोली लगी।”
तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर शिवसेना की नेता शाइना एनसी ने कहा, “एक मुंबईकर के तौर पर मुझे बहुत खुशी है कि उसका प्रत्यर्पण किया जा रहा है। यह 2019 से पीएम मोदी की लगातार बातचीत का नतीजा है, जब उन्होंने उसके प्रत्यर्पण के संबंध में अमेरिका को एक राजनयिक नोट सौंपा था। यह जीत उन सभी नागरिकों की है, जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को खोया है। यह आईएसआई और मेजर इकबाल को भी करारा जवाब है – जिन्होंने तहव्वुर राणा और डेविड हेडली के साथ मिलकर मुंबई हमले की योजना बनाई थी… पीएम मोदी की सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सभी साजिशकर्ताओं को करारा जवाब मिले और शिवसेना मांग करती है कि तहव्वुर राणा को फांसी दी जाए।”
पाकिस्तान ने इस मामले में पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि राणा दो दशकों से अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों का नवीनीकरण नहीं करवाया है, ऐसे में यह साबित होता है कि वो कनाडा का ही नागरिक है।
जवाहर लाल नेहरू मेट्रो स्टेशन का गेट नंबर 2 सुरक्षा कारणों से अभी बंद कर दिया गया है। जब तक राणा का काफिला यहां से ना निकल जाए, मेट्रो गेट बंद रहने वाला है।
26/11 मुंबई आतंकी हमलों से संबंधित ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड NIA मामले में साक्ष्य का हिस्सा होने की संभावना है, जिसमें तहव्वुर हुसैन राणा और डेविड कोलमैन हेडली को आरोपी बनाया गया है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण पर कहा, “कांग्रेस की सरकार ने आरोपियों को सख़्त सजा दिलाने के लिए कुछ नहीं किया। कसाब जो पकड़ा गया था उसे भी बिरयानी खिलाते थे। आज हम सभी को प्रधानमंत्री मोदी पर गर्व है। जिन्होंने हमारे देश पर हमला किया था उन्हें हम भारत की ज़मीन पर, भारत के कानून से सजा दिलाएंगे
दिल्ली के तिहाड़ जेल में तहव्वुर राणा को रखने की तैयारी है। वहां भी उसे सबसे सुरक्षित अंडा सेल में कैद किया जाएगा। खूंखार अपराधियों के लिए ही यह सेल तैयार हुआ है। इसकी फेंसिंग भी इलेक्ट्रिक होती है और इस पर बम का भी कोई असर नहीं होता।
तहव्वुर राणा माक्समैन गाड़ी से एनआईए दफ्तर तक लाया जाएगा। यह गाड़ी काफी सुरक्षित मानी जाती है, पूरी तरह बुलेट प्रूफ है। वहां से फिर उसे कोर्ट में पेश किया जाना है।
तहव्वुर राणा का विमान इंडियन एयरस्पेस में पहुंच चुका है। माना जा रहा है कि किसी भी वक्त पालम एयरपोर्ट पर विमान की लैंडिंग होगी। स्पेशल कमांडों पहले से ही वहां मौजूद हैं।
